कोरोना वायरस से डरे नहीं, समझदारी से बचाव संभव है-डॉ. जितेन्द्र

ग्रेटर नोएडा,4 मार्च। लगभग पिछ्ले 2 माह से कोरोना के कहर से लगभग पूरा विश्व पीड़ित है।पूरे विश्व में कोरोना की चपेट से अब तक लगभग 3 हजार से अधिक मौत हो चुकी है। इस समय 60 से अधिक देश कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके है। अभी तक कोई ठोस उपचार न होने की वजह से दिनो दिन इसके संक्रमण से पीड़ित व मरने वालो की संख्या का दायरा चीन से वाहर बड़ता ही जा रहा है। चीन सहित पूरे एशिया, जापान, इटली, कोरिया,अफ्रीका आदि देशो के बाद अब भारत में भी इसकी दस्तक सुनायी दे रही है। क्यौंकि इस समय पुणे लैब में 6 से अधिक लोगो में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है व 200 से अधिक को सघन निगरानी मै रखा गया है। जिसमें की एक केस नोएडा से है। इन कैसो के सामने आने के बाद पूरे देश में भय का माहौल है। अफवाहों का बाजार गर्म है। लोग तरह तरह से भयभीत है। सोशल मीडिया पर अनेक प्रकार के भ्रम फैलाये जा रहे है। हमे इसके बारे में सही जानकारी प्राप्त करनी चाहिये न कि अफवाहो पर ध्यान दे। अधिक जानकारी के लिये आप अपने नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र या चिकित्सक से मिल कर कोरोना के बारे में और अधिक जानकारी ले सकते है।

डॉ. जितेन्द्र, होम्योपैथी कन्सल्टेन्ट,ग्रेटर नोएडा

क्या है कोरोना संक्रमण

यह एक वायरस जनित स्वसन तंत्र का गंम्भीर रोग है। शुरुआत में इस संक्रमण के लक्षण सामान्य फ्लू जैसे होते है, जिसकी शुरुआत आम तौर पर नाक से पानी आना, जुकाम व छींक, खांसी, गले में खराश व दर्द, साथ में सामान्य सा दिखने वाला बुखार व शरीर दर्द होता है। सामान्य भूख में व्यवधान व कमजोरी होने लगती है। जब यही वायरल संक्रमण धीरे-धीरे  तीव्र होकर शरीर के स्वसन तंत्र को अपनी गिरफ्त में लेकर फेफड़ो के गम्भीर न्यूमोनिया में परिवर्तित होकर हमारी प्रतिरोधक छमता को न्यूनतम स्तर पर पहुंचाता है, तत्पस्चात संक्रमण पूरे शरीर में फैल जाता है। अगर यही संक्रमण यकृत, अमाशय, किडनी व अन्य अंगों में  फैल जाता है तो किडनी फैल्योर के द्वारा संक्रमित व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।

—————–

कैसे फैलता है कोरोना

यह  ड्रॉप्लेट वायरस जनित संक्रमण है, जो की संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने से, उसके छीकँने, खाँसने तथा हाथ मिलाने से फैलता है। यह संक्रमण कुछ जानवरो के सम्पर्क में आने से भी फैलता है। आधी पकी हुई सब्जी व मीट के सेवन से परहेज करें।

—————–

सावधानी- डरे नहीं, अफवाहो से सावधान रहें, समझदारी से काम लें

अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार इससे बचाव ही इलाज है । अभी तक इसके संक्रमण से बचाव व उपचार हेतु कोई दवाई व बैकसीन उपलव्ध नही है। इसलिये इस संक्रमण से बचाव का उपाय जरूरी हो जाता है। सर्वप्रथम अपने आसपास साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखें। गंदे हाथो कम से कम तीन बार अवश्य साफ़ करें। गंदे हाथों से मुँह ,आंख व नाक को बार बार न छूये। हाथों को अल्कोहल युक्त सेनिटाइज़र से सैनिटाईज करें । मुंह को एन 95 मास्क से डक कर रहें। संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें। भीड़ भाड़ वाली जगह पर जाने से परहेज करे। संक्रमित व्यक्ति को अन्य सद्स्यो से अलग रखें। प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखें।

होमियोपैथी में है रोकथाम व उपचार-

आयुष मंत्रालय, भारत सरकार  अधीन केंद्रीय होमियोपैथिक चिकित्सा अनुशन्धान परिषद, की सालाना बैठक में वैज्ञानिक सलाहकार समिति द्वारा कोव 19 यानी की कोरोना के संक्रमण से फैलने वाली महामारी हेतु प्रिवेन्टिव के तौर पर होमियोपैथिक दवा आर्सेनिक अल्बम 30 की एक खुराक सुबह खाली पेट तीन दिन तक किसी योग्य होमियोपैथिक चिकित्सक की देखरेख में सेवन करें। इस होमियोपैथी दवाई का कोई साइड इफेक्ट अथवा दुष्प्रभाव नहीं है। अगर फिर भी आवश्यकता हो तो एक माह बाद फिर से तीन खुराक ले सकते है। सामान्य फ्लू के से लक्षण होने पर भ्रमित ना हो वल्कि तुरंत चिकित्सक से सलाह ले। होमियोपैथी की अन्य औषधि जैसे कि जस्टिसीया, कोरालियम, इन्फ्लूएंजिनम आदि भी लक्षणों के अनुसार वायरल संक्रमण में विशेष लाभप्रद है।

 

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *