जेपी पब्लिक स्कूल में विशेष बच्चों को मानसिक व शारीरिक रुप से किया जा रहा है प्रशिक्षित

  • प्रेरणा विंग में बच्चे को बोलना, खेलना पढ़ना, लिखना के साथ आर्ट एवं क्राफ्ट बनाना सीख रहे हैं

ग्रेटर नोएडा,24 जनवरी। कुछ पाने की तमन्ना हो तो बाधाएं भी दूर हो जाती है,इसी लिए कहा गया है कि संघर्ष ही जिन्दगी है, उस परिस्थिति में समाज का सामना करते हुए आगे बढ़ना ही जिन्दादिली, ऐसा कहते हुए लोगों लोगों से सुना जा सकता है। ऊपर वाला सभी एक समान बनाता है, लेकिन कुछ बच्चे शारीरिक रुप कमी की वजह से उनका जीवन संघर्षमय बन जाता है। ऐसे ही विशेष प्रकार के बच्चों को समान्य जीवन जीने के लिए जेपी पब्लिक स्कूल ग्रेटर नोएडा में प्रोत्साहन मिल रहा है।

ग्रेटर नोएडा। मीता भंडूला, प्रधानाचार्या, जेपी पब्लिक स्कूल ग्रेटर नोएडा।

स्कूल की प्रधानाचार्या मीता भंडूरा ने बताया कि जेपी पब्लिक स्कूल में प्रेरणा विंग बनाया गया है जहां पर विशेष प्रकार के बच्चे, जिसमें मानसिक रुप से कमजोर, मेन्टल रिटायर्ड,डाउन सिन्ड्रोम, सेरेबल पॉलिसी, ब्लाइंड, एडीएचडी,एएसडी, पढ़ाई में कमजोर बच्चों को शिक्षित किया जा रहा है। बच्चों में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है, अभी स्कूल में कार्निवाल आयोजित हुआ था, जिसमें बच्चों ने दैनिक प्रयोग में आने वाले वस्तुओं को बहुत ही खूबसूरत  बनाया था, जिसको अभिभावकों ने बड़े ही उत्साह के साथ खरीदा। इन सभी बच्चों को अलग-अगल तरीके से प्रशिक्षित किया जाता है, ताकि बच्चे मुख्यधारा में सामिल होकर आम बच्चों की तरह आगे बढ़ सकें। बच्चों को स्पीच थैरेपी, आक्यूपेरशनल थैरेपी ,आर्ट एण्ड क्राफ्ट, टाइपिंग, फोटोकॉपी सहित कई तरह से प्रोत्साहित किया जा रहा है। जो बच्चे बड़े हैं उन्हे एनआईओएस में नामांकन कराकर प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है।

 

प्रतिभा शर्मा साइकोलॉजिस्ट एण्ड काउंसलर ने बताया कि इस स्कूल में स्पेशल बच्चों के लिए 2013 में प्रेरणा विंग बनाया गया है, जिसमें सबसे पहले आने वाले बच्चों की शारिरिक और मानसिक रुप से काउंसलिंग की जाती है उसी के हिसाब से उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है। प्रेरणा विंग के लिए स्पेशल एजूकेटर की नियुक्ति किया गया है, जो बच्चों को अलग-अलग प्रशिक्षित करते हैं, जो बच्चे बोल नहीं पाते उन्हें बोलना सिखाया जाता है, जो बच्चे लिख नहीं पाते उन्हें लिखाया जाता है, संगीत के साथ खेल के मैदान में खेलने और आर्ट-एवं क्राफ्ट का प्रशिक्षण दिया जाता है। स्पेशल एजूकेटर पूनम ने बताया कि बच्चों को भाषा ज्ञान के साथ उनको मानसिक व शारीरिक रुप से तैयार किया जाता है, इन बच्चों को स्कूल के सामान्य बच्चों के साथ पढ़ाई करने के साथ अगल-अगल तरीके से एजूकेटर प्रशिक्षित करते हैं। इस संस्थान में स्पेशल एजूकेशन में प्रशिक्षण पाने के लिए दिल्ली व अन्य संस्थानों से एजूकेटर प्रशिक्षण भी ले रहे हैं।

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