एकात्म मानववाद पर परिचर्चा-21वीं सदी की उभरती चुनौतियाँ एवं समाधान विषय पर जीबीयू में सम्मेलन

– एकात्म मानववाद पर परिचर्चा में पं. दीन दयाल उपाध्याय के दर्शन पर  हुई चर्चा

ग्रेटर नोएडा,18 जनवरी। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय और अखिल भारतीय राष्ट्रीय महासंघ के संयुक्त तत्त्वाधान में एकात्म मानववाद पर परिचर्चा- 21वीं शदी की उभरती चुनौतियाँ एवं समाधान विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारम्भ किया गया। जिसमें पं. दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन पर विस्तार से चर्चा की गयी। कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में डॉ. मनोज सिन्हा, प्रधानाचार्य, आर्यभट्ट कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय ने एकात्म मानववाद को मनुष्य का समूल मानते हुए स्वागत भाषण में कहा कि एकात्म मानव के माध्यम से व्यक्ति से परिवार, परिवार से समाज, समाज से राष्ट्र का विकास संभव है।

प्रो. एस.के. सिंह, अधिष्ठाता, विधि, न्याय एवं शासन संकाय, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि गाँधी जी के स्वदेशी भावना को पं. दीनदयाल उपाध्यान ने आगे बढ़ाते हुए एकात्म मानववाद की विचारधारा को आम जनता तक पहुँचाया। मुख्य अतिथि जे. नन्दकुमार, राष्ट्रीय संयोजक, प्रज्ञा प्रवाह ने अपने वक्तव्य में समाज के विकास में इस दर्शन को सहायक मानते हुए कहा कि  सा विद्या या विमुक्ते भारत का दर्शन उदार है, स्वतंत्र है और सभी विचारधाराओं का समन्वय करने वाला है। एकात्म मानववाद ब्रह्माण्ड के लिए है और सभी विचारधाराओं के लिए है, यही समाज में समानता ला सकता है। अतिथि प्रो. जे.पी. सिंघल, अध्यक्ष, एबीआरएसएम ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय ने यह स्वीकार किया था कि भारत की विचारधाराएँ पाश्चात्य से आयातित हैं, जो व्यक्ति को केन्द्र में रखता है। समग्र मानव विकास को एकात्म मानववाद के द्वारा देखा जा सकता है, जो विश्व का कल्याण करता है।

अध्यक्षीय भाषण में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने कहा कि आज के समय में सभी समस्याओं का समाधान यदि किसी में है तो एकात्म मानववाद में है। अंत में डॉ. अक्षय कुमार सिंह, विश्वविद्यालय को-ऑर्डिनेटर, पं. दीनदयाल समिति सभी को धन्यवाद दिया। उद्घाटन सत्र में शैक्षणिक अधिष्ठाता, छात्र कल्याण अधिष्ठाता सहित विश्वविद्यालय के सभी विभागों के प्राध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहें। प्रथम सत्र के अध्यक्ष मेरठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन.के. तनेजा तथा मुख्य वक्ता आई.सी.एस.एस.आर. के मेम्बर सेक्रेटरी प्रो. वी. के. मल्होत्रा, द्वितीय सत्र के अध्यक्ष चौधरी बनारसी लाल विश्वविद्यालय, हरियाणा के कुलपति डॉ. निर्मल जिन्दल तथा मुख्य वक्ता दीनदयाल शोध संस्थान के जनरल सेक्रेटरी  अतुल जैन, तृतीय सत्र के अध्यक्ष महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बिहार के कुलपति प्रो.संजीव शर्मा तथा मुख्य वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. प्रकाश रहे। देश भर से आये वक्ताओं में से सम्मेलन के पहले दिन डॉ. निर्मल जिन्दल, डॉ.अजय शुक्ल, डॉ. पूर्णिमा लोथवाल, डॉ. के शिवाचिथ्प्पा, प्रो. वीणा हाडा, प्रो. जे.एन. बलिया, प्रो. योगेश कुमार गुप्ता, डॉ. ओम प्रकाश पारीख, प्रो. विजय कुमार सिंह, प्रो. भावना ठाकुर, प्रो. नेहा शर्मा, डॉ. पी.कृष्ण मोहन रेड्डी, डॉ. के.सी. महादेशा, डॉ. राजेन्द्र श्रीमाली, डॉ. मनीषा श्रीमाली, डॉ. दीपक कुमार शर्मा, श्वाती गाँधी, डॉ. रमा शर्मा में शोध-पत्र प्रस्तुत किया। उसके बाद एक पैनल डिस्कशन भी हुआ। 19 जनवरी, 2020 को इस सम्मेलन का समापन होगा ।

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