एनआईईटी, ग्रेनो यूजीसी से ऑटोनॉमस का दर्जा पाने वाला उत्तर प्रदेश का बना पहला निजी शिक्षण संस्थान

एनआईईटी, ग्रेनो यूजीसी से ऑटोनॉमस का दर्जा पाने वाला उत्तर प्रदेश का बना पहला निजी शिक्षण संस्थान

ग्रेटर नोएडा,27 अगस्त। यूजीसी ने नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, ग्रेटर नोएडा (एनआईईटीको उत्तर प्रदेश के पहले निजी ऑटोनॉमस शिक्षण संस्थानका दर्जा प्रदान किया है। ऑटोनामस शिक्षण संस्थान के रूप में एनआईईटी अब स्वयं उद्योगजगत की आवश्यकताओं के अनुसार अपने पाठ्यक्रमों का निर्धारण तथा परीक्षाओं का आयोजन कर सकेगा। इससे विद्यार्थियों को नवीनतम प्रौद्योगिकियों तथा तकनीकों की शिक्षा प्रदान की जा सकेगी जिससे  उन्हे उद्योगजगत की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किया जा सके तथा वे वैश्विक स्तर के उन्नत रोजगार प्राप्त कर सकें। इसी दिशा में एनआईईटी ने टीसीएस के साथ बीटेक(कम्प्यूटर साइंस एंडबिज़नेस सिस्टम्स), एमेज़ोन के साथ बीटेक(कम्प्यूटर साइंस), डेल के साथ बीटेक-सीएसई (डाटा साइंस) तथा इंटेल के साथ बीटेक-सीएसई (आर्टीफ़िशियल इंटेलिजेंस) पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने वाला उत्तर प्रदेश का पहला शिक्षण संस्थान है, जो कि वर्तमान समय में सर्वाधिक रोजगार के अवसर प्रदान करने वाले क्षेत्र हैं।

डॉ ओ पी अग्रवाल, प्रबंध निदेशक, एनआईईटी ने बताया कि 2001 में एनआईईटी ने इंजीनीयरिंग शिक्षा का अपना सफर तत्कालीन उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय (यूपीटीयू) की संबद्धता के साथ शुरू किया। हमें अपने हितधारकों की मेहनत और समर्पण से आज  उत्तर प्रदेश में पहला ऑटोनॉमस शिक्षण संस्थान बनने का गौरव प्राप्त हुआ है। मेरा मानना है कि सफलता मिलने पर खुशी तो स्वाभाविक है किन्तु उससे भी अधिक महत्त्वपूर्ण यह है कि हम लगातार नए लक्ष्यों को प्राप्त करते रहें जिससे समाज का एनआईईटी में गुणवत्ता पूर्ण एवं समग्र शिक्षा तथा उत्कृष्ट रोजगार देने का अटूट विश्वास बना रहे। ऑटोनॉमस संस्थान के रूप में हमारी जिम्मेदारियाँ निश्चित ही बढ़ जाएंगी लेकिन हमें आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि हम पूरे समर्पण के साथ उनका निर्वहन करेंगे तथा नए मानदंड स्थापित करेंगे। डॉ अग्रवाल ने आगे कहा कि एनआईईटी का उद्देश्य समाज के प्रत्येक वर्ग के विद्यार्थी को गुणवात्तपूर्ण तथा बहुआयामी शिक्षा देना है जिससे उन्हे हम देश के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में योगदान देने के लिए तैयार कर सकें और उससे भी ऊपर उन्हे इस देश का एक जिम्मेदार नागरिक और अच्छा इंसान बना सकें।

 रमन बत्रा, कार्यकारी उपाध्यक्ष, एनआईईटी, ग्रेटर नोएडा ने बताया कि एनआईईटी 19 वर्षों के अपने सफर में आज भारत में इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, तथा फार्मेसी की शिक्षा देने वाला एक प्रतिष्ठित संस्थान है। एनआईईटी ने अपनी शिक्षण पद्धति में नवाचार एवं नवीनतम तकनीकों के अनुप्रयोग को अपनी प्रगति के मूलभूत स्तंभों के रूप में पहचाना तथा यह सुनिश्चित किया एनआईईटी के सभी हितधारक स्वयं को इस संस्थान से जुड़े होने पर गौरवान्वित अनुभव करें।  उन्होने बताया कि 18 अगस्त 2020 को भारत के माननीय उप राष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू तथा केंद्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ द्वारा अटल रैंकिंग ऑफ इंस्टीट्यूशंस ऑन इन्नोवेशन अचीवमेंट्स (एआरआईआईए -2020) के परिणामों की घोषणा की गयी जिसमे एनआईईटी, ग्रेटर नोएडा को देश के निजी उच्च शिक्षा संस्थानों की श्रेणी में शीर्ष 50 संस्थानों में स्थान मिला है।11 जून 2020 को केंद्रीय मंत्री, भारत सरकार,डॉ रमेश पोखरियाल‘निशंक’ने एनआईआरएफ-2020 के परिणामों की घोषणा की जिसमें एनआईईटी फार्मेसी इंस्टीट्यूट ने देश में में 49वां स्थान प्राप्त किया तथा एनआईईटी इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट201-250 रैंक बैंड में शामिल है। श्री रमन बत्रा ने आगे कहा कि एनआईईटी के बीटेक कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी, बायोटेक्नोलोजी तथा बी फार्मा कोर्स एनबीए एक्रिडिटेड हैं तथा संस्थान नैक (ए ग्रेड, 3.23) एक्रिडिटेड है। एनआईईटी इन चारों प्रशस्तियों को हासिल करने वाला उत्तर प्रदेश का अकेला संस्थान है जो यह प्रदर्शित करता है कि किस प्रकार एनआईईटी सभी हितधारकों के सम्मिलित प्रयासों से नयी बुलंदियों को छू रहा है।

प्रवीण सोनेजा, महानिदेशक, एनआईईटी ने बताया कि ऑटोनॉमस दर्जा मिलने के बाद हम अपने विद्यार्थियों, फैकल्टी तथा स्टाफ को वैश्विक स्तर पर अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन करने एवं उनके समग्र विकास के लिए के लिए एक बेहतर माहौल दे पाएंगे। एनआईईटी एक ऑटोनॉमस शिक्षण संस्थान के रूप में उद्योग जगत की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ भविष्य की चुनौतियों को सकारात्मक रूप से अवसरों में बदलने के लिए  तैयार हैं।

डॉ विनोद एम कापसे, निदेशक, एनआईईटी ने बताया कि ऑटोनॉमस दर्जा मिलने के बाद संस्थान अब अपने आंतरिक विद्यार्थियों के साथ बाहरी विद्यार्थियों के लिए भी सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम प्रारंभ कर सकेगा। उन्होंने इस उपलब्धि पर सभी हितधारकों को उनके असाधारण योगदान एवं सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने आगे बताया कि ऑटोनॉमस दर्जा मिलने के बाद परीक्षाओं की शुचिता बनाए रखना सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारक होता है और हम इसके लिए कटिबद्ध हैं। इस दौरान डायरेक्टर प्लानिंग प्रवीण पचौरी भी प्रेस वार्ता में मौजूद रहे।

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