कोविड-19 महामारी से शैक्षिक क्षेत्र में समस्याओं आने वाली समस्याओं को लेकर एकेटीयू के कुलपिति से शैक्षिक संघ ने की चर्चा

कोविड-19 महामारी से शैक्षिक क्षेत्र में समस्याओं आने वाली समस्याओं को लेकर एकेटीयू के कुलपिति से शैक्षिक संघ ने की चर्चा

ग्रेटर नोएडा,23 सितम्बर। कोविड-19 की वैश्विक महामारी में जहां सम्पूर्ण अर्थ तंत्र अव्यवस्थित हो गया है, वहीं शिक्षा क्षेत्र में भी अपार समस्याएं उत्पन्न हो गयी हैं, इसको देखते हुए राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के उत्तर प्रदेश तथा अखिल भारतीय पदाधिकारियों ने वृहद मंथन किया। एक सप्ताह तक कई चरणों में शिक्षा विभाग व शिक्षा क्षेत्र के विभिन्न विशेषज्ञों से संवाद हुआ। कोविड-19 के प्रभाव के कारण उत्पन्न समस्याओं में शिक्षा व्यवस्था, शिक्षक एवं छात्रों के हित तथा शिक्षा संस्थाओं में समंजस्य बनाने पर गहन चिंतन किया गया। शिक्षा व्यवस्था में शिक्षा मंत्रालय, विश्वविद्यालयों तथा संस्थानों में परस्पर संबंध स्थापित करते हुए आज के समय के अनुसार शिक्षकों के प्रशिक्षण पर ज़ोर दिया गया, क्योंकि प्रयोगिक विषयों को ऑनलाइन पढ़ाना बिना कुशल प्रशिक्षण के संभव नहीं हो पा रहा है। साथ ही एक ऐसी शिक्षा व्यवस्था पर चर्चा भी हुई, जहां किसी भी छात्र का अहित न हो। कुव्यवस्था के कारण शिक्षा संस्थानों तथा शिक्षकों के बीच बढ़ते तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए संस्थान स्तर पर सुधारात्मक कार्य के प्रयासों पर ज़ोर दिया गया। इस संबंध में एकेटीयू के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ओमपाल सिंह तथा राष्ट्रीय उच्च शिक्षा प्रभारी महेंद्र कुमार के बीच गहन मंत्रना हुई। विभिन्न विषयों पर संगठन, सरकार और नियंत्रण निकायों के बीच संवाद स्थापित करने की जरूरत पर सहमति बनी। प्रोफेसर पाठक से आग्रह किया गया कि विश्विद्यालय से भी संगठन में कुछ पदाधिकारियों को शामिल किया जाएं जिस पर कुलपति ने अपनी सहमति दी। मंथन कार्यकरण के दौरान कुलपति ने शिक्षक हितों को संरक्षित करने का भरोसा दिया। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के सह संगठन मंत्री ओमपाल सिंह ने बताया कि संगठन अपने लक्ष्य और ध्येय के अनुसार शिक्षक और शिक्षक हितों के लिए नित्य निरंतर प्रयासरत रहता है तथा शिक्षा के प्रमुख स्तंभ छात्र, शिक्षक और संस्था के मध्य संतुलन बनाए रखते हुए आगे बढ़ता रहेगा। महेंद्र कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति लागू होने पर ये बहुत सारी विसंगतियां स्वयं समाप्त हो जाएंगी। उन्होंने इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा कि तकनीकी शिक्षा आज के समय में समाज की आधारभूत सरंचना की आवश्यकता है और इसकी मजबूती बहुत जरूरी है। मंथन में नई शिक्षा नीति के प्रचार प्रसार हेतु शीघ्र संगठन का विस्तार पर चर्चा हुई। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रदेश संरक्षक राजेश कुमार गुप्ता का भी मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। इस बैठक में तकनीकी संवर्ग के प्रदेश अध्यक्ष स्वदेश कुमार सिंह, प्रदेश महामंत्री प्रोफेसर सुनील मिश्रा तथा अन्य प्रदेश पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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