फाइटर एयरक्रॉफ्ट के सिद्धांतों पर रक्षा मंत्रालय वैज्ञानिक ने वेबिनार में डाला प्रकाश

I.T.S Engineering College

ग्रेटर नोएडा,28 मई। मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, आई.टी.एस. इंजीनियरिंग कॉलेज ने अपनी वेबिनार श्रृंखला में तीसरा वेबिनार आयोजित किया।  यह वेबिनार  “फाइटर एयरक्राफ्ट्स में गैस टर्बाइन के अनुप्रयोग” पर था। छात्रों और शिक्षाविदों के ज्ञानवर्धन के लिए नई दिल्ली (रक्षा मंत्रालय) में वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय के प्रमुख वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. यूएस यादव ने वेबिनार को संबोधित किया। डॉ. यादव एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग उत्पादों(अवयवों) के डिजाइन और विकास के साथ-साथ विमान की प्रणाली और लड़ाकू विमानों के एयरो-इंजन के विशेषज्ञ हैं। इसमें सम्मिलित है, ईंधन प्रणाली, हाइड्रोलिक प्रणाली, वायवीय प्रणाली, उड़ान नियंत्रण प्रणाली, लैंडिंग गियर प्रणाली, एयरो-इंजन (दहन) प्रणाली। डॉ. यादव ने अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं और सम्मेलनों में कई शोध लेख प्रकाशित किए हैं। उनके शोध लेख उच्च गुणवत्ता वाले मिश्र धातुओं, एयरोस्पेस सामग्री के इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज मशीनिंग पर केंद्रित हैं। डॉ. यादव ने उड़ान के मूल सिद्धांत के बारे में चर्चा की। उन्होंने विभिन्न ईंधनों और उनकी रचनाओं के बारे में बताया। उन्होंने यात्री और लड़ाकू विमान दोनों सहित विभिन्न विमानों में उपयोग किए जाने वाले गैस टर्बाइनों के बारे में प्रकाश डाला। डॉ. यादव द्वारा विभिन्न प्रकार के हवाई जहाजों को दिखाया और समझाया गया। डॉ. यादव ने वैमानिकी का महत्व बताया और छात्रों को वैमानिकी इंजीनियर बनने के लिए प्रेरित किया। संक्षेप में इस वेबिनार ने छात्रों, संकाय सदस्यों और साथी शोधकर्ताओं को लड़ाकू विमान की विभिन्न तकनीकी के बुनियादी पहलुओं को समझने में मदद की, जो इस दिशा में और अधिक ठोस प्रयासों का मार्ग प्रशस्त करेगा। मैकेनिकल विभाग के प्रमुख डॉ. संजय यादव ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग और आईटीएस इंजीनियरिंग कॉलेज की ओर से प्रख्यात वक्ता का स्वागत किया और भविष्य में भी इस तरह की तकनीकी बातचीत की आवश्यकता पर बल दिया। ईवेंट कोऑर्डिनेटर प्रो. मानवेंद्र यादव ने विशेषज्ञ का परिचय दिया और वेबिनार का कार्यभार कुशलता से संभाला। वेबिनार में छात्रों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और उद्योग के लोगों सहित 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। डॉ. यू.एस. यादव ने प्रतिभागियों के सभी प्रश्नों का उत्तर दिया। वेबिनार के अंत में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र ऑनलाइन तरीके से प्रदान किया गया है।

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