बारहवीं के बाद करियर का कैसे करें चुनाव

-साइंस स्ट्रीम करियर बनाने की अपार संभावनाएं

नई दिल्ली( न्यूज डेस्क)। बारहवीं के बाद छात्रों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि किस क्षेत्र में जाएँ जहां पर सफलता मिले, छात्रों को इस बात का ख्याल जरुर रखना चाहिए कि उनकी जिस विषय और क्षेत्र में रुचि हो उसी क्षेत्र में जाना चाहिए अगर दिशा में भ्रमित होते हैं तो उनके लिए सफलता पाना बड़ी चुनौती बन जाती है। अधिकांश माता-पिता कक्षा 10 के पूरा होने के बाद अपने बच्चों को साइंस स्ट्रीम का चयन करने के लिए प्रेरित करते हैं, क्योंकि यह ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल पर प्रोफेशनल और साइंटिफिक कोर्सेज में एडमिशन लेने की एक अनिवार्य शर्त है। साइंस का क्षेत्र एक विस्तृत तथा व्यापक है. इसके अंतर्गत लगभग वो सभी चीजें शामिल है जिसे हम हम देख सकते हैं, स्पर्श कर सकते हैं, सुन सकते हैं, महसूस कर सकते हैं एवं इससे परे भी. जहाँ हम रहते हैं सिर्फ वही दुनिया नहीं बल्कि यह सम्पूर्ण ब्रह्मांड साइंस के दायरे में आता है. आम तौर पर छात्रों को 11 वीं और 12 वीं कक्षा में मुख्यतः फिजिक्स,केमेस्ट्री और बायोलॉजी का अध्ययन करना पड़ता है,इसके अतिरिक्त एक अनिवार्य भाषा तथा मुख्य विषय के रूप में गणित विषय भी होगा जिसका अध्ययन मुख्य स्ट्रीम या ऐच्छिक  विषय के रूप में किया जा सकता है। साइंटिफिक स्टडी डोमेन को ध्यान में रखते हुए कंप्यूटर साइंस भी फाउंडेशन कोर्स के रूप में एक आधारभूत विषय के रूप में होगा।

अपने रुचि के हिसाब विषय का करें चुनाव

छात्रों को हमेशा अपने रुचि के हिसाब से जिस विषय को लम्बे समय तक पढ़ने में आनंद आता है उसी का चयन करना चाहिए न की किसी के दबाव में आकर या किसी का देखा देखि कर. यदि आपको फिजिक्स,केमेस्ट्री मैथ्स अच्छा लगता है तथा आप इन्हें पढ़ते समय सहज रहते हैं एवं आप इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो अवश्य ही पीसीएम आपके लिए आदर्श सब्जेक्ट ग्रुप साबित होगा.

अपने आपका स्वयं करें आंकलन

अपने हित के अतिरिक्त छात्रों को विषय चुनते समय अपनी ताकत और कमजोरियों पर भी विचार करना चाहिए. उदाहरण के लिए आपने  पीसीबीबी का चुनाव किया है क्योंकि आप बायोलॉजी में रूचि रखते हैं लेकिन आपने कक्षा 10 के दौरान उससे जुड़े अध्यायों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है. तब इस परिस्थिति में आपका यह चयन एक सही विचार नहीं हो सकता. क्योकि आगे चलकर आपको इसका वृहद् अध्ययन करना पड़ेगा और मौलिक तथ्यों पर सही पकड़ नहीं होने के कारण भविष्य में आपको परेशानी हो सकती है.

साइंस क्षेत्र  में आगे के अध्ययन का क्षेत्र

जहां तक ​​हाईस्कूल या कक्षा 11 वीं और कक्षा 12 वीं के बाद के स्टडी का सवाल है तो साइंस स्ट्रीम वाले छात्रों के पास चयन करने वाले कोर्सेज तथा करियर विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला होती है. साइंस स्ट्रीम वाले छात्रों को सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि वे पोस्ट ग्रेजुएट या अंडर ग्रेजुएट में अन्य विषय अर्थात आर्ट्स या कॉमर्स का भी चयन कर सकते हैं जबकि अन्य स्ट्रीम वालों को यह सुविधा उपलब्ध नहीं होती. साइंस स्ट्रीम वाले छात्रों के लिए कुछ बेहतर करियर विकल्प का वर्णन नीचे किया गया है –

इंजीनियरिंग क्षेत्र में करियर का चुनाव

इंजीनियरिंग शायद उन छात्रों के लिए सबसे लोकप्रिय करियर विकल्प है जो साइंस स्ट्रीम  चुनते हैं. हर साल, लगभग 11 लाख साइंस स्ट्रीम के छात्र जेईई इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम में  बैठते हैं, जो स्पष्ट रूप से इस विकल्प के महत्व और लोकप्रियता को साबित करता है. इंजीनियरिंग स्ट्रीम वाले छात्र देश के आईआईटी जैसे प्रमुख टेक्नोलॉजी स्कूल्स में पढ़ने का अवसर पाते हैं. इसके अतिरिक्त इंजीनियरिंग में कई स्पेशलाइजेशन सब्जेक्ट्स और सबडोमेन हैं जिनका चयन छात्र अपनी योग्यता तथा रूचि एवं वरीयता के आधार पर कर सकते हैं. उनमें से कुछ विशेष स्पेशलाइजेशन हैं-

मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग,सिविल इंजीनियरिंग,केमिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग

मैथ्स ग्रुप्स के छात्रों के लिए अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज

यदि आपकी रूचि इंजीनियरिंग में नहीं है तो आप तीन साल का रेगुलर ग्रेजुएशन कोर्स का भी चयन कर सकते हैं. ये कोर्स देश के लगभग सभी यूनिवर्सिटीज द्वारा ऑफर किये जाते हैं. ये कोर्सेज रेगुलर कोर्सेज होते हैं तथा आपको उनमें से किसी एक सब्जेक्ट में ऑनर्स करना पड़ता है. इसके अंतर्गत विषय के थियरेटिकल पहलुओं के साथ साथ प्रैक्टिकल ट्रेनिंग पर भी व्यापक और विशेष जोर दिया जाता है. मैथ्स ग्रुप के छात्रों के लिए कुछ लोकप्रिय अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज हैं:बीएससी आईटी

बीएससी कंप्यूटर साइंस, बीएससी केमेस्ट्री,,बीएससी मैथेमेटिक्स,बीएससी फिजिक्स, बीएससी होटल मैनेजमेंट

मेडिकल

साइंस धारा छात्रों के लिए मेडिकल या मेडिसिन  भी एक बहुत ही महत्वपूर्ण करियर विकल्प है. पीसीबी / पीसीएमबी ग्रुप वाले छात्र अंडरग्रेजुएट तथा पोस्टग्रेजुएट लेवल पर मेडिकल का चयन कर सकते हैं। अंडर ग्रेजुएट लेवल पर छात्र एमबीबीएस का चयन करते हैं. एमबीबीएस एक बहुत ही लोकप्रिय मेडिकल कोर्स है, इसके अतिरिक्त कुछ अन्य

अंडरग्रेजुएट मेडिकल कोर्स का भी कर सकतें है चयन

बीडीएस (दंत चिकत्सा), बीएएमएस (आयुर्वेद), बीएचएमएस (होम्योपैथी), बी.फार्मा (फार्मेसी), बीपीटी (फिजियोथेरेपी), बम्स (यूनानी चिकित्सा), बीएएसएलपी (ऑडियोलॉजी और स्पीच-लैंग्वेज थेरेपी)

मेडिकल ग्रुप स्टूडेंट्स के लिए बैचलर डिग्री कोर्स

मैथ्स ग्रुप के छात्रों की तरह ही बायोलॉजी ग्रुप वाले छात्र अगर मेडिकल फील्ड में नहीं जाना चाहते हैं तो वे बैचलर डिग्री के कोर्सेज का चयन कर सकते हैं. इसके लिए छात्रों के किसी एक विषय में विशेषज्ञता हासिल करने के उद्देश्य से किसी भी विषय में ऑनर्स करना पड़ता है. इस कोर्स को करने के बाद छात्र रिसर्च फील्ड में जा सकते हैं या फिर वे टीचिंग को भी अपना करियर बना सकते हैं. मेडिकल ग्रुप वाले छात्रों के लिए लोकप्रिय बैचलर डिग्री कोर्स निम्न है-

बीएससी बायोकेमेस्ट्री, बीएससी बायोलॉजी,बीएससी एनवायरनमेंट साइंस,बीएससी बायोटेक्नोलॉजी,बीएससी नर्सिंग,बीएससी अक्यूपेशनल थेरेपी,बीएससी फिजियोथेरेपी,बीएससी रेडियोलोजी,बीएससी बायो इन्फॉर्मेटिक्स,बीएससी एन्थ्रोपोलॉजी,बीएससी माइक्रोबायोलॉजी,बीएससी पैथोलॉजी

बिजनेस एण्ड मैनेजमेन्ट

बिजनेस एंड मैनेजमेंट भी एक कोर्स है जिसका चयन साइंस स्ट्रीम वाले छात्र कर सकते हैं.इस फील्ड में करियर तथा एकेडमिक स्कोप बहुत बढ़िया हैं. बहुत सारे ग्रेजुएट लेवल बिजनेस मैनेजमेंट कोर्सेज छात्रों की सुविधा के लिए उपलब्ध हैं, जिनका चयन वे अपनी परिस्थिति तथा रूचि के आधार पर कर सकते हैं. कुछ विशेष कोर्सेज हैं

गणित(मैथ्स) ग्रुप के छात्रों के लिए

जब करियर के अवसरों की बात आती है तो मैथ्स ग्रुप के छात्रों को बड़ा फायदा होता है. अपने कोर्स के आधार पर वे इंजीनियर,साइंटिस्ट,लॉयर,सरकारी कर्मचारी,पायलट, फार्मासिस्ट, आर्किटेक्ट्स टीचर, मैनेजर,डिजाइनर,कंप्यूटर विशेसज्ञ आदि कुछ भी बन सकते हैं

जीव विज्ञान(बायोलॉजी) ग्रुप के छात्रों के लिए

बायोलॉजी ग्रुप के छात्रों के लिए करियर का दायरा भी कई करियर के अवसरों के साथ समान रूप से आकर्षक है. ये मुख्यतः डॉक्टर, साइंटिस्ट, दंत चिकित्सक, ऑर्थोडोन्टिस्ट, फार्मासिस्ट, डॉक्टर, नर्स और कुछ अन्य बन सकते है. इनके पास टीचर, लॉयर, डिजाइनर और डिजाइनर  इत्यादि जैसे गैर-साइंस करियर विकल्पों को चुनने की स्वतंत्रता भी होती है।

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