लीवर सिरोसिस से बचने के लिए सावधानी जरुरी,कई कारण से बढ़ रहे हैं सिरोसिस के मरीज-डॉ. आशुतोष तिवारी

लीवर सिरोसिस से बचने के लिए सावधानी जरुरी,कई कारण से बढ़ रहे हैं सिरोसिस के मरीज-डॉ. आशुतोष तिवारी

न्यूज डेस्क( संवाद एक्सप्रेस)। लिवर हमारे शरीर का दूसरा मुख्य अंग माना जाता है, इसलिए अपने शरीर का खास ध्यान रखना चाहिए। लिवर में खराबी होने पर अनेक तरह के समस्या उत्पन्न होने लगती है। जैसे की फैटी लिवर, लिवर सिरोसिस, हेपेटाइटिस आदि। हमारे शरीर में लिवर कई तरह के जरुरी काम करता है, जैसे हानिकारक पदार्थो को दूर करना, रक्त की सफाई करना और पोषक तत्वों का निर्माण करना आदि है। यकृत या जिगर या कलेजा शरीर का एक अंग है। इसका कार्य विभिन्न चयापचयों को detoxify करना, प्रोटीन को संश्लेषित करना, और पाचन के लिए आवश्यक जैव रासायनिक बनाना है। मनुष्यों में, यह पेट के दाहिने-ऊपरी हिस्से में डायाफ्राम के नीचे स्थित होता है, और मानव शरीर की शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है, जो पित्त (Bile) का निर्माण करती है। इसका भार शरीर के भार का 1/50 भाग के लगभग, प्राय: 1,500 ग्राम से 2,000 ग्राम तक होता हैं। आज आपको लिवर सिरोसिस के बारे में बताने वाले है, लिवर सिरोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति के लिवर में धीमी गति से खराबी आने लगती है, लीवर सिरोसिस होने पर व्यक्ति स्वयं को बीमार महसूस करता है, शुरूआती चरण में कोई खास लक्षण नहीं दिखते, लेकिन जैसे ही बीमारी बढ़ती है लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं।

कारण

-शराब का अत्यधिक मात्र में सेवन
-हेपेटाइटिस बी और वायरल सी का संक्रमण
-रक्तवर्णकता (इसमें रुधिर में लौह तत्व की मात्रा बढ़ जाती है।)
-गैर मादक स्टीटोहेपेटाइटिस (लीवर में वसा का जमाव हो जाने से लीवर धीरे-धीरे नष्ट हो जाता है। मोटापा, डायबिटीज लीवर सिरोसिस का प्रमुख कारण है।)

शुरुवाती सिरोसिस सामान्य लक्षण में – थकान महसूस करना।

-अनिद्रा आना।
-जी मिचलाना।
-लिवर की जगह स्पर्श करने पर दर्द होना।
-कमजोरी होना।
-हाथ लाल होना।
-वजन कम होना।
सिरोसिस बढ़ने पर लक्षण में – चक्कर आना।
-मसूड़ों से खून बहना।
-पेशाब का रंग गहरा होना।
-यौन इच्छा में कमी आना।
-बाल झड़ना।
-उल्टी में खून आना।
-नाक से खून आना।
निदान
लीवर सिरोसिस का इलाज उसके कारणों पर निर्भर होता है: – शराब पीने से सिरोसिस होता है, तो पहले शराब पीना छोड़े, इससे बीमारी बढ़ने की रफ्तार धीमी हो जाएगी. हेपेटाइटिस बी या सी से पीड़ित सिरोसिस के मरीजों को डाक्टर पहले एंटीवायरल दवाए दे कर लीवर कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाए. अगर कोई मरीज ऑटोइम्युन बीमारी के कारण से या फिर विल्सन डिजिज, या हेमोक्रोमैटोसिस से सिरोसिस से पीड़ित है तो उसके इलाज अलग-अलग होंगे। दवा के जरिये सिरोसिस के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। एडिमा या जलोदर का इलाज आहार में नमक को नियंत्रित कर किया जा सकता है।इस दवा को ड्यूराइटिस के नाम से जाना जाता है इसका इस्तेमाल एडिमा के दौरान अतिरिक्त फ्लूड जमा होने पर उसे निकालने के लिए किया जाता है. दवा और आहार की सहायता से इस बीमारी की वजह से मानसिक कार्य प्रभावित होने वाले मरीजों का आरंभिक इलाज किया जाता है.
बचाव
-यदि आपको लिवर सिरोसिस अल्कोहल पीने के कारण हुआ है तो शराब का सेवन करना बंद कर देना चाहिए। शराब लिवर को तेज गति से हानि पहुंचाता है।
-आपको अपने आहार में स्वस्थ भोजन करना चाहिए, जिसमे ताजी हरी सब्जिया, फल को शामिल करे। तेल और अधिक मसाले वाले भोजन कम करे। इसके अलावा चाय, कॉफी कम ले।
-लिवर की बीमारी से बचने के व्यक्ति को खुद हेपेटाइटिस से बचना चाहिए। हेपेटाइटिस बी और सी दोनों संक्रमण असुरक्षित यौन संबंध बनाने या उपयोगी इंजेक्शन से होता है। यौन संबंध की बीमारी से बचने के लिए कंडोम का उपयोग कर सकते है और अन्य व्यक्ति द्वारा उपयोग में लाई सुई का उपयोग न करे बल्कि हमेशा नयी सुई लगवाएं।
-अगर किसी व्यक्ति को नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर रोग हो रहा है तो आपको स्वस्थ वजन को बनाये रखना चाहिए। क्योंकि लिवर में समस्या होने से सिरोसिस विकसित हो सकता है इसलिए रोजाना व्यायाम करे और भोजन में संतुलित आहार का सेवन करें।

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