जीबीयू में सांस्कृतिक कार्यक्रमों से झूम उठा पूरा मनोवैज्ञानिकों का समूह

जीबीयू में सांस्कृतिक कार्यक्रमों से झूम उठा पूरा मनोवैज्ञानिकों का समूह

ग्रेटर नोएडा। गौतम विश्वविद्यालय में अंतराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों से बच्चों ने सबको भावविभोर कर दिया। भारतीय संस्कृति भारत की प्राचीन संस्कृति है,विभिन्न संस्कृति और परंपरा का अनुसरण करते हुए भी भारत विविधता में भी एकता का प्रतीक है,सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बच्चों ने सर्वप्रथम बुद्धि के देवता श्रीगणेश जी की स्तुति दी। जिसमें आकृति, काव्या, तनु ने प्रतिभाग किया वहीं हौसला को बरकरार रखते नव्या विजेता, अंकिता, जानवी, आदित्य और नंदिनी ने मुमकिन है नामक संगीत की प्रस्तुति की। विभिन्न प्रांतों की संस्कृति को अपने नित्य के माध्यम से प्रस्तुत किया, जिसमें पंजाबी, घूमर, गढ़वाली ,डांडिया हरियाणवी ,पंजाबी इत्यादि में सामिल प्रतिभागी श्रेष्ठा ,दुष्यंत, पायल,अंशिका,तनु और प्रतिष्ठा ने मिलकर में नृत्य में चार चांद लगा दिया। वहीं बच्चों ने “मनोदर्पण :द अनसंग हीरोज आफ कोविड” शीर्षक नाटक प्रस्तुत कर यह एहसास दिला दिया। मानसिक स्वास्थ्य कितना अहमियत रखता है साथ ही मनोवैज्ञानिकों ने किस प्रकार लोगों की सहायता की साथ ही साथ उस और नई योजनाएं जो की जो की कोविड-19 के दौरान चलाई गई थी, जो इस प्रकार है। आईएचबीएएस के द्वारा समर्थन, आईएसीपी की कोविड-19 साइक्लोजिकल सपोर्ट ग्रुप टेली काउंसलिंग द्वारा किरण, जीबीयू के द्वारा टेली काउंसलिंग इत्यादि कार्यक्रम चलाए गए। इसमें काव्या, कीर्ति , विकास,अचिंत्य और खुशबू तथा और भी छात्र शामिल रहे। कार्यक्रम का आयोजन संगठन समिति एमफिल ट्रेनी सोनम चौधरी के द्वारा किया गया, संचालक विजेता व सोनम चौधरी रहीं।

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