कृषि कानूनों की वापसी पर किसान व किसान संगठनों ने मिठाई खिलाकर जताई खुशी

कृषि कानूनों की वापसी पर किसान व किसान संगठनों ने मिठाई खिलाकर जताई खुशी

रबूपुरा। लम्बे समय से तीनों कृषि कानूनों को लेकर चल रहे आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री द्वारा एक कार्यक्रम के दौरान विवादित कानूनों को वापिस लिए जाने की घोषणा से किसान संगठनों में खुशी की लहर दौड़ गई है। शुक्रवार को विभिन्न किसान संगठनों ने इसे सरकार की हार एवं किसानों के संर्घष की बड़ी जीत बताते हुए एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार कर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बिल वापिस लेने के फैसले का स्वागत किया। किसान एकता संघ ने बैठक आयोजित कर एक दूसरे को मिठाई खिलाई तथा संगठन के महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष गीता भाटी ने कहा कि सरकार द्वारा लाये गये कृषि कानून किसी भी प्रकार किसानों के हित में नहीं थे। इसी को लेकर पिछले करीब 11महीने से बड़े पैमाने पर अपनी मांग को लेकर दिल्ली के बार्डरों पर आंदोलन किया जा रहा था जिसमें हमारे कई किसान भाईयों की शहादत हुई। अंत में किसानों की ताकत के सामने अड़ियल रवैया अपना रही सरकार को झुकना पड़ा और कृषि बिल वापिस लिये गये। राकियू के जिलाध्यक्ष इकपाल सिंह सिवाच ने कहा कि आंदोलन के दौरान किसान भाईयों की शहादत से आज देश के अन्नदाता को बड़ी जीत मिली है लेकिन हमारा संर्घष अभी खत्म नहीं हो जाता। हम प्रधानमंत्री के निर्णय का स्वागत करते हैं परन्तु जब तक लोकसभा में कृषि बिलों को वापिस लेने का प्रस्ताव पारित व एमएसपी की गारंटी नहीं ली जाती हमारी लड़ाई जारी रहेगी। भाकियू भानु युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार किसान हित में बिलों को लाई थी लेकिन कुछ खामियों के कारण किसान हित में ही इन्हें वापिस लेने का जो फैसला लिया गया है हम उसके लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं। इसके साथ ही अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष नत्थीराम शर्मा, लोकशक्ति के पिंटू त्यागी समेत अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने बिल वापिसी के निर्णय का स्वागत किया है।

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