आईएसए उत्तर प्रदेश का तीन दिवसीय 44वां वार्षिक सम्मेलन हुआ आयोजित

ISA Uttar Pradesh's three-day 44th annual conference held

ऑपरेशन से पहले प्री एनेस्थीसिया का चेकअप जरुर कराएं

-एनेस्थीसिया में नई तकनीकी के साथ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर हुई चर्चा

ग्रेटर नोएडा। इंडियन सोसाइटी ऑफ एनेस्थीसिया(आईएसए) नोएडा गौतमबुद्ध नगर शाखा में  स्टेलर जिमखाना ग्रेटर नोएडा से  उत्तर प्रदेश का राज्य स्तरीय 44वां वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश के साथ अन्य राज्यों के एनेस्थेटिक शामिल हुए। तीन दिवसीय सम्मेलन का विषय- एनेस्थीसिया में मौजूदा रुझान की जरूरत है और बदलाव की जरूरत है रहा। सम्मेलन में विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियां आयोजित हुई, जिसमें राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ शामिल हुए। 23-25 ​​सितंबर तक चलने वाले सम्मेलन में 400 से अधिक चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। डॉ. कपिल सिंघल नोएडा चैप्टर के अध्यक्ष ने बताया कि उत्तर प्रदेश का 44वां वार्षिक सम्मेलन पहली बार नोएडा में आयोजित किया गया, जिसमें उत्तराखण्ड, महाराहाष्ट्र, कर्नाटका के चिकित्सक शामिल हुए।

डॉ. कपिल ने बताया कि इस सम्मेलन में चर्चा किया गया कि एनेस्थिसिया में क्या प्रगति हो रही है, मरीज को सुरक्षित बेहोसी दिया जा सके, आपरेशन थिएटर के अंदर क्या क्या होना चाहिए। इस दौरान अगल-अगल सत्र आयोजित किए गए। सत्र से पहले चार वर्कशॉप जिम्स अस्पताल व शारदा अस्पताल में आयोजित किया गया। जिसमें रिजनल एनेस्थिसिया, हीमोडायनॉमिक, एयरवे मैनेजमेन्ट के साथ साइंटफिक सत्र का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि कोविड के दौरान बहुत से कम्पलिकेटड आये जिसमें एनेस्थेटिक ने आईसीयू में अपनी अहम भूमिका निभाई है। किसी भी आपरेशन के पहले एनेस्थेटिक की अहम भूमिका होती है, सभी मरीज आपरेशन के पहले अपने एनेस्थेटिक को जरुर जाने, उनकी क्या योग्यता है। ऑपरेशन के पहले प्री एनेस्थीसिया का चेकअप जरुर कराएं। सावधानी से ही किसी भी क्रिटिकल स्थिति से बचा जा सकता है। वेन्टिलेटर पर जाने का मतलब लोग समझ बैठते हैं कि मरीज गया, जबकि ऐसा नहीं है, बहुत सी नई तकनीकी आ गयी है, जिसमें मरीज को बचाया जा सकता है। इस दौरान डॉ. मुकुल जैन, डॉ कपिल सिंघल, अध्यक्ष, डॉ. नवदीप सेठी, डॉ. विनय शुक्ला, यथार्थ अस्पताल, डॉ. समीर, डॉ. पीयूष चौधरी मौजूद रहे।

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