केसीसी इंस्टीट्यूट में आजादी के अमृत महोत्सव पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन

Organized one day National Seminar on Amrit Mahotsav of Azadi at KCC Institute

ग्रेटर नोएडा। केसीसी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल एण्ड हायर एजुकेशन ने आजादी का अमृत महोत्सव पर आईसीएसएसआर द्वारा प्रायोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया। सेमिनार की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ हुई, जिसके बाद दीप प्रज्ज्वलित कर अतिथि अभिनंदन किया गया और प्रो. डॉ. भावना अग्रवाल, निदेशिका एवं कन्वीनर ने विषय को रखा और स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति आर.एन. मिश्रा पूर्व न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के परिचय के साथ कार्यक्रम को आगे बढाया गया। डॉ. नवनीत आनंद, वरिष्ठ पत्रकार और निदेशक, ग्रे मैटर्स कम्युनिकेशन और कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड, निमिश कपूर, वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख, प्रकाशन विभाग, विज्ञान प्रसार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार और डॉ. दुर्गेश त्रिपाठी, प्रोफेसर, जीजीएसआईपीयू भी इस दौरान मंच पर उपस्थित रहे। सत्र के अध्यक्ष डॉ. रमेश कुमार प्रोफेसर, वीआईपीएस) की मौजूदगी में स्कोलर्स औऱ एकेडमिशियनस ने संबंधित विषय पर अलग अलग रिर्सच पेपर प्रस्तुत किए।

इसी क्रम में सेमिनार की आवश्यकता व उपल्बधि के बारे में बताते हुए अतिथियों ने इस आयोजन को एक सफल प्रयास बताया और कहा कि किसी भी संस्थान का विकास तभी संभव है जब उसकी बुनियाद मजबूत हो और इसके लिए ये आवश्यक है की एकजुट होकर किसी कार्य को किया जाए जिससे भविष्य में कार्य की दशा और दिशा तय हो सके। संस्थान के चेयरमैन दीपक गुप्ता ने इस मौके पर अपनी टीम का मनोबल बढ़ाते हुए आईसीएसएसआर टीम को भी धन्यवाद दिया और कहा कि के.सी.सी आईएलएलएचई आगे भी इस तरह के आयोजन करता रहेगा और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस प्रयास से जोडने की कोशिश करेगा।

मुख्य अतिथि मौजूद न्यायमूर्ति आर.एन. मिश्रा ने कहा कि देश को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए रिर्सच एंड डेपलेपमेंट की और ध्यान देना बहुत जरूरी है। वरिष्ठ पत्रकार नवनीत आनंद ने कहा कि शिक्षा से संबंधित तमाम संस्थानों को इस दिशा में प्रयास जारी रखने चाहिए उन्हें समझना होगा कि  देश की तरक्की और कामयाबी में उनकी भूमिका कितनी बड़ी और अहम है। सभी सदस्यों ने मौजूदा शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन करने और इसे मजबूत करने पर जोर दिया। मजबूती से इस बात को सर्मथन किया कि भारत की तरक्की और विश्व गुरू बनने का रास्ता देश की शिक्षा प्रणाली से ही होकर गुजरता है। इसलिए ऐसे संस्थान जो सेमिनार, कांफ्रेस, या शिक्षा से जुड़े किसी भी समायोजन का काम कर रहे हैं बधाई के पात्र हैं।

Spread the love