स्वैग और एनइसीसी साइकिलिंग ग्रुप ने एसिड अटैक सर्वाइवर को हर सम्भव मदद करने का  लिया प्रण 

Swag and NECC Cycling Group pledge to extend all possible help to acid attack survivor

ग्रेटर नोएडा। जिले के स्वैग और एनइसीसी साइकिलिंग ग्रुप ने एसिड अटैक सर्वाइवर से रविवार को भेंट कर उन्हें हर सम्भव मदद करने का प्रण लिया। नोएडा के सेक्टर 21 ए स्थित नोएडा स्टेडियम में एसिड सर्वाइवर द्वारा चलाए जा रहे शेरोज कैफ़े एक महीने का (18 जून से 18 जुलाई) तक एसिड अटैक अवेयरनेस मंथ चला रहे हैं, दोनों साइकिलिंग ग्रुप उसी में पहुंचे थे। स्वैग साइकिलिंग ग्रुप की अध्यक्ष भावना गौड़ ने बताया कि पहले तो हमारी योजना थी कि साइकिलिंग करते हुए ही शेरोज कैफे तक जाए, लेकिन बारिश के कारण कुछ लोग तो साईकल से जा पाए लेकिन कुछ लोग अपने निजी वाहन से ही शेरोज कैफ़े पहुंचे थे। वहां की सर्वाइवर के जज्बे को देखकर हम लोगों में उत्साह व जोश भर गया, जिस से यह सन्डे एक तरह से फन डे में बदल गया था। कुल 50 लोगों ने इस प्रोग्राम में भाग लिया और सभी ने शेरोज कैफ़े चलाने वाले छांव फाउंडेशन और एसिड अटैक सर्वाइवर को हर सम्भव मदद करने का प्रण लिया है। गायक आकाश ने गिटार और गाने के साथ सबका मनोरंजन भी किया।

स्वैग समूह की सदस्या निधि अग्रवाल ने इस भावपूर्ण उत्साहपूर्ण मौके पर अपनी तरफ से एसिड अटैक योद्धाओं के लिए साइकिल का एलान किया तथा अनुराग साइकिल स्टोर की तरफ से अनुराग सूद ने 2 साइकिल देने का वादा किया। ताकि महिलाएं अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए समय पर अपने कार्य मे उत्साह से लगे रहें। स्वैग समूह और एनइसीसी ने एसिड अटैक वीरांगनाओं से मिलकर एक यादगार मुलाकात की। एसिड अटैक सर्वाइवर ने यहाँ अपनी ज़िंदगी के संघर्ष से लेकर सफलता तक की दास्ताँ को मुस्कुराते हुए अपने शब्दों में ढाला और समाज को एक ऊर्जावान सन्देश दिया कि दर्द, तकलीफ चाहे जितने आएँ ज़िन्दगी में हँस कर सामना करना और मुश्किलों से न घबराना। एनइसीसी के टीम की तरफ  से एसिड अटैक सर्वाइवर को कस्टमाइज  टी-शर्ट उपलब्ध कराने की बात कही। साथ ही जो सर्वाइवर पढ़ना चाहती है उनके लिए पढ़ाई की भी व्यवस्था की जएगी। एनसीसी के मेंबर जसबीर सिंह द्वारा, जो हमारी प्यारी बहने अपनी शिक्षा को आगे पूर्ण करना चाहती है, उनको सहयोग दिया जाएगा।

तूफानी हवा बुझानी चाही

मेरी उम्मीदों की जलती लौ को

आखिरकार दिशा बदली मैंने

लौ से बनते मशाल को

—भावना गौर

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