गलगोटिया में एल्युमनाई टास्क सीरीज़ में आर्टिफिशियल इन्टेंलिजेन्स से बदलाव पर हुई चर्चा

ग्रेटर नोएडा,2 दिसम्बर। गलगोटियास विश्वविद्यालय के पालिटेक्निक में एल्युमनाई टास्क सीरीज़ कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में गौत्तमबुद्ध यूनिवर्सिटी के कम्प्युटर विभाग की प्रो. डा. संध्या तरार मुख्य अतिथि के रूप में पहुंची। गलगोटियास यूनिवर्सिटी के डीन डॉ. अवधेश कुमार, डॉ. एस.एन. सतपथी ने मुख्य अतिथि के साथ मिलकर विद्यार्थियों को एल्युमनाई टास्क के महत्व को बताया कि हम इस प्रकार के सेमीनार के द्वारा कैसे नयी से नयी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। मुख्य अतिथि डॉ. संध्या ने विद्यार्थियों को अपने सम्बोधन में बताया कि आर्टिफिशियल इन्टेंलिजेन्स साईंस का वो क्षेत्र है जिनमें हम कम्प्यूटरस को वो शक्ति प्रदान करते हैं जिससे कि वो मनुष्य की तरह सोच कर,समझ कर कोई भी  कार्य कर सकते है। पूर्व में कम्प्यूटर वही कार्य कर सकते थे, जिसके लिए वो प्रोग्राम किये गये है, लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग के क्षेत्र मे क्रांतिकारी बदलाव किया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा हमने मशीन लर्निंग का कॉन्सेप्ट साकार किया है, जिससे कि कम्प्यूटर अब बिना प्रोग्रामर कोड के काम कर सकता है।  उदाहरण के तौर पर यदि कम्प्यूटर को हमें बैंक में इस्तेमाल करना है तो हमें उसे केवल बैंक के अंदर एक ट्रैनी कर्मचारी की तरह एक सीमित अवधि तक रखना है, उसके बाद वो कम्प्यूटर खुद अपने आप बैंक के हर तरह के काम कर सकता है, ठीक ह्यूमन बीइंग ह्यूमन बीइंगस की तरह या कहे तो कुछ मायनों में उनसे बेहतर। इसी तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा हम कंप्यूटर विजन (मनुष्य की तरह देखना), रोबोटिक्स (मनुष्य की तरह दिखने वाला कंप्यूटर) जैसी कई आधुनिक मशीन बना चुके है व पूर्व में जादुई सी लगने वाली बिना ड्राइवर की कार भी अब एक रियलिटी है, जिसे टैसला नाम की एक अमरीकी कम्पनी ने सच कर दिया है, जिसमें  आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का पुरजोर उयोग हुआ है। यदि रोज़गार की दृष्टि से देखें तो अगले 5 सालो में 1 मिलियन रोज़गार के अवसर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड एप्लीकेशनस प्रदान करेंगी इस कार्यक्रम में प्रो. आनन्द दोहरे, प्रो. अरूण कुमार, अनुपमा मैम, चन्दन सर, बी.एम. और भगवत प्रशाद शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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