ग्रेटर नोएडा। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा एवं साहित्य विभाग ने हिन्दी-सप्ताह बड़े ही उत्साह से मनाया । जिसके अंतर्गत छात्रों के लिए निबंध प्रतियोगिता, काव्य प्रतियोगिता एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ । निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार क्षमा, द्वितीय पुरस्कार शिवम् मिश्रा तथा तृतीय पुरस्कार जागृति चौधरी को काव्य-प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार राहुल सिंह, द्वितीय पुरस्कार अतुल कुमार तथा तृतीय पुरस्कार देवेन्द्र प्रताप सिंह को, वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार गोपेन्द्र कुमार, द्वितीय पुरस्कार शिवम मिश्रा तथा तृतीय पुरस्कार अनादि ब्रह्म को प्राप्त हुआ । 14 सितम्बर को विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ । मुख्य अतिथि कुलपति महोदय ने अपने व्याख्यान हिन्दी को राष्ट्र भाषा बनाने के लिए सबके सहयोग के लिए आमंत्रित करते हुए कहा “हिन्दी देश में प्रत्येक जन की भाषा बने और शिक्षा व सभी राष्ट्रीय कार्यों का माध्यम बने, इसके लिए सभी राज्यों को प्रयास करना चाहिए । हिन्दी को लेकर सभी प्रकार के राजनीति का अंत हो और हिन्दी को राष्ट्र भाषा का स्थान मिले । इसके लिए सभी देशवासियों को आगे आना चाहिए” । दिल्ली से आमंत्रित प्रमुख वक्ता डॉ. हरीश अरोड़ा ने अपने व्याख्यान में कहा कि “हिन्दी केवल राजभाषा या संपर्क भाषा ही नहीं है वह हमारी अस्मिता है । वैश्विक परिदृश्य में भारत की राष्ट्रभाषा के रूप में हिन्दी ही जानी जाती है लेकिन दुर्भाग्यवश भारतीय संविधान में राष्ट्रभाषा का प्रावधान ही नहीं है” । इस अवसर पर विश्वविद्यालय के माननीय कुलसचिव ने विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित किया तथा प्रयागराज से पधारे कवियों में से शैलेन्द्र श्रीवास्तव ‘मधुर’ एवं कवयित्री डॉ. आभा श्रीवास्तव एवं सम्भल से कवि डॉ. सौरभ कान्त शर्मा ने अपने अपने गीत, गज़ल एवं कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया ।