पंडित रविकांत शास्त्री,
महर्षि पाणिनी वेद-वेदांग विद्यापीठ गुरुकुल
श्रावण मास की पूर्णिमा अर्थात रक्षाबंधन वाले दिन चंद्रमा श्रवण नक्षत्र पर होता है। कहा जाता है कि वामन अवतार में भगवान विष्णु ने जब तीन पग भूमि मांगी थी तो उनका पांव आकाश में श्रवण नक्षत्र पर ही पड़ा था। विद्वानों ने श्रवण नक्षत्र के तीन तारों को भगवान विष्णु के तीन चरण माने हैं। उनका विचार है, राजा बलि का यज्ञ भंग कर देवताओं का स्वर्ग पर अधिकार बनाए रखने के लिए भगवान विष्णु ने ऐसा किया था। वे विराट पुरुष, वामन बनकर यज्ञ भूमि में पधारे व तीन पग भूमि की याचना की। एक पग में समूची धरती, दूसरे में आकाश नापकर, तीसरा पग स्वयं राजा बलि के शीश पर रखकर उसे पाताल का राज्य प्रदान किया।
श्रावण शब्द का अर्थ है सुनना, अध्ययन, ख्याति और कीर्ति। श्रवण से ही श्रुति व स्मृति बना जो कि पुराण साहित्य का मूल आधार है। कुछ विद्वान तीन तारों में त्रिलोक, त्रिकाल व त्रिगुण देखते हैं। कहीं-कहीं श्रवण नक्षत्र के तीन तारों को भगवान शिव का त्रिशूल माना गया है। कभी श्रवण नक्षत्र की तुलना मनुष्य के कान से की जाती है, क्योंकि श्रवण का अर्थ सुनना भी होता है। श्रवण नक्षत्र का देवता भगवान विष्णु को माना गया है। संसार का भरण पोषण, प्रबंधन व्यवस्था व विभिन्न शक्तियों का संतुलन बनाए रखना ही भगवान विष्णु का कार्य है, इसलिए भगवान विष्णु सृष्टि के पालनकर्ता हैं। श्रवण नक्षत्र मकर राशि में पड़ता है, इसलिए जिन लोगों की राशि मकर है उनका श्रवण नक्षत्र हो सकता है। श्रवण नक्षत्र के जातकों के कौन-कौन से गुण होते हैं।
आज श्रावण मास का द्वितीय दिवस है अर्थात दूसरा दिन आज के दिन मंगला गौरी का व्रत किया जाता है इसमें कोई भी स्त्री या पुरुष इस व्रत को कर सकतें है सुख सौभाग्य संतान संतति को प्रदान करने वाला यह मंगला गौरी व्रत भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ विशेष गौरी की पूजा की जाती है इस दिन सुहागिन महिला अपने पति की दीर्घायु संतान की दीर्घायु देने वाला व्रत होता है इसमें गौरी की पूजा षोडशोपचार की जाती है भगवान गौरी शंकर का रुद्राभिषेक कर भगवान से क्षमा प्रार्थना की जाती है सायं कालीन पूजा करने के पश्चात भोजन किया जाता है दिन में व्रत रखकर परिवार के साथ भगवान की पूजा को संपन्न किया जाता है श्रावण में प्रत्येक मंगलवार को मां मंगला गौरी का विशेष स्तवन होता है जो भक्ति और श्रद्धा के साथ इस व्रत को पूर्ण करते हैं उनको मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। सेक्टर ईटा गुरुकुल प्रांगण में भगवान गौरी शंकर का विशेष पूजन हुआ और पूजन के पश्चात विशेष प्रसाद वितरण किया गया और समस्त संसार के जीवो जीवो पर भगवान अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें इस कोरोना महामारी से भी समस्त जीवो को छुटकारा मिले यही भगवान से प्रार्थना है।
श्लोक:
गौरी पद्मा शची मेधा सावित्री विजया जया ।
देवसेना स्वधा स्वाहा मातरो लोकमातरः ॥
धृतिः पुष्टिस्तथा तुष्टिरात्मनः कुलदेवता ।
गणेशेनाधिका ह्येता वृद्धो पूज्याश्च षोडशः ॥
सौजन्य-
महर्षि पाणिनि धर्मार्थ ट्रस्ट , (द्वारा संचालित)
महर्षि पाणिनी वेद-वेदांग विद्यापीठ गुरुकुल
(स्थान-बी-14 ईटा-1 ,ग्रेटर नोएडा, गौतमबुद्ध नगर उ.प्र )