-आगामी शैक्षणिक सत्र में शुरु होगी छात्रवृत्ति योजना, जिसमें जीबीयू हुआ शामिल
ग्रेटर नोएडा,27 नवम्बर। स्कूल ऑफ़ बौद्ध स्टडीज़ एण्ड सिविलाइज़ेशन ने गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) के कार्यकारी निदेशक, गोविंद एस खम्पा का स्वागत किया गया। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के तहत लाभार्थी विश्वविद्यालय पांच में से एक के रूप में चुना गया है। आगामी शैक्षणिक सत्र (2020-21) से छात्रवृत्ति योजना शुरू होने जा रही है। केवल 4-5 विश्वविद्यालय ही लाभार्थी बनने जा रहे हैं और जीबीयू भी उनमें से एक है। विवि के कुलपति प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा को सूचित किया गया है। आईबीसी की इस छात्रवृति का मुख्य ध्येय है ऐसे विदेशी छात्रों को छत्रवृति देना है जो भारत में बौद्ध अध्ययन की शिक्षा ग्रहण करना को इच्छुक हैं। इसी क्रम में आईबीसी ने जुलाई 2019 में एक सिम्पोज़ियम दिल्ली में किया था, जिसमें 38 देशों के बौध विद्वानों एवं बौध मठों के मठाधीश को आमंत्रित किया था तथा साथ ही देश के उन सभी विश्वविद्यालयों को भी आमंत्रित किया गया था। देश के सभी आमंत्रित विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने अपने अपने विश्वविद्यालयों में चल रही बौद्ध अध्ययन के कार्यक्रमों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। भाग लेने वाले विश्वविद्यालयों में दिल्ली विश्वविद्यालय, पुणे विश्वविद्यालय, बीएचयू, नव नालन्दा, नालंदा, केंद्रीय संस्थान उच्च तिबेटी, सारनाथ, इत्यादि शिक्षण संस्थानों ने भाग लिया। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व अन्तराष्ट्रीय मामलों के निदेशक डॉ अरविंद कुमार सिंह ने किया था। अन्तराष्ट्रीय संगोष्ठी में आए सभी प्रतिभागियों द्वारा सुझाए गए बातों ध्यान में रखते हुए आईबीसी ने यह निर्णय लिया कि वैसे विदेशी छात्रों को छत्रवृति दी जाएगी जो भारत में बौध अध्ययन को इच्छुक हैं। इस योजना तहत पूरे देश से कुल 4-5 विश्वविद्यालय को ही चयनित किया गया है। इन्हीं विश्वविद्यालय में दाख़िला लेने वाले विदेशी छात्रों को ही इस छत्रवृति का लाभ मिल सकेगा। इस छात्रवृति के लिए चयनित विश्वविद्यालयों में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय भी है। जानकारी को साझा करने हेतु आईबीसी के गोविंद एस खमपा विश्वविद्यालय आए और यह जानकारी कुलपति प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा से मिले। तत्पश्यचात उन्होंने विश्वविद्यालय के बौध अध्ययन विभाग का भी भ्रमण किया एवं साथ ही संकाय सदस्यों से बातचीत की। खमपा ने विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों को दी जानेवाली सुविधाओं को भी देखा और समझा। विदेशी छात्रों को दी जानेवाली सुविधाओं को देख और समझ के वो काफ़ी सन्तुष्ट थे। डॉ. अरविन्द कुमार सिंह के अलावा इस बातचीत में डॉ प्रियसेन सिंह, डॉ ग्योरमेट डोरजे, डॉ. चन्द्रशेखर पासवान, डॉ प्रियदरसिनी मित्तरा, विक्रम यादव, इत्यादि।