ग्रेटर नोएडा। बिसरख कोतवाली पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ नामजद और 70 अज्ञात महिला-पुरुषों पर एफआईआर दर्ज की है। इस मामले को लेकर पूरे ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटियों में रोष और गुस्सा है। लोगों का कहना है कि एक ओर तो हम लोग परेशानियों का सामना कर रहे हैं। दूसरी ओर हमारे ही खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही हैं। मंगलवार को ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाउसिंग सोसायटी सुपरटेक इकोविलेज-2 में पानी को लेकर रात को निवासियों ने 130 मीटर एक्सप्रेस वे पर जाम लगा दिया था। जिस पर बिसरख कोतवाली पुलिस ने मनोज कुकेती, संजीव सक्सेना, प्रशांत चौधरी, मनोज झा, परमेश्वर दुबे, डा.मुकेश चौधरी और मोनू समेत 70 अन्य अज्ञात महिला-पुरुषों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इन लोगों पर आईपीसी की 147, 188, 353 और 341 जैसी संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार का कहना है कि यह तो तानाशाही है। एक ओर आम आदमी पानी के लिए तरस रहा है। वह लोग पुलिस, प्राधिकरण और प्रशासन से शिकायत कर रहे थे। किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। तीन दिनों से पानी के लिए परेशान महिलाएं सड़क पर उतर आईं तो उन पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। हम लोग इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री जी तक जाएंगे। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की बाकी सोसायटी के लोगों में भी इस घटना के प्रति रोष है। सोसायटियों के निवासी व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिए एकता का संदेश दे रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि पुलिस ने बिल्डर को फायदा पहुंचाने की नीयत से यह काम किया है। एक ओर तो पुलिस रेप जैसे जघन्य मामलों में आसानी से एफआईआर दर्ज नहीं करती है, दूसरी ओर यहां पानी मांगने पर एफआईआर दर्ज कर दी है। जिलाधिकारी से मिलने पर उन्होंने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी के.के. गुप्त से मिलकर अपनी समस्या बता कर अपना पल्ला झाड़ लिया।
पानी मांगने पर दर्ज हुआ मुकदमा, जिलाधिकारी से लगायी गुहार
