वाराणसी। केन्द्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा सफाई को लेकर प्रशासन से शासन तक बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। हालांकि पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ताजा रिपोर्ट ने इन दावों की हवा निकाल दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, गंगा में रोजाना करीब 2500 करोड़ लीटर जहरीला पानी गिरना शुरू हो गया है। सवाल यह उठता हे कि आखिर अचानक गंगा में इतना जहर क्यों गिरने लगा? इस दौरान मालूम चला कि कुंभ के दौरान टैप किए नाले फिर से खोल दिए गए हैं और एसटीपी भी धीरे-धीरे दगा दे रहे हैं। नाले का पानी राजघाट, रविदास घाट में तेजी से आज भी गिर रहा है। इससे गंगा का जल हर दिन के साथ ही और भी जहरीला होता जा रहा है। बीएचयू के वरिष्ठ चिकित्सक डा. वीएन मिश्रा ने भी गंगा में प्रदूषण को लेकर एक वीडियो जारी कर गंगा की दुर्दशा दिखाई है। वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार के प्रयास से गंगा निर्मलीकरण के प्रयासों पर लाल फीताशाही पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। वाराणसी में चार सौ करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर बने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट यानी एसटीपी मानक के अनुरूप कार्य नहीं कर रहे हैं। इसकी जांच कर एक रिपोर्ट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने तैयार की है जिसे एनजीटी को भेज कर दिया है।
पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का दावा गंगा में पहुंच रहा है जहरीला पानी
