यमुना नदी में आए बाढ़ से किसानों का फसल हुआ बर्बाद

-बाढ़ में फंसे लोगों को एनडीआरएफ की टीम ने बाहर निकाला

-40 साल में सबसे अधिक पानी यमुना नदी में आया

ग्रेटर नोएडा,21 अगस्त। यमुना नदी में बाढ़ आने से ग्रेटर नोएडा के दर्जनों गांव पानी की चपेट में आ गए हैं, जिसमें गांव तिलवाड़ा, घरबरा और मोतीपुर पानी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। पानी के अचानक बढ़ने से तिलवाड़ा गांव के लगभग 20 परिवार नदी के दूसरे छोर पर फंस गए। मदद करने के लिए प्रशासनिक अधिकारी प्रभावित इलाके में पहुंचे लेकिन पानी का स्तर ज्यादा होने की वजह से एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया,जिसके बाद फंसे सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया।

एनडीआरएफ की टीम ने 5 महिलाओं, 2 बच्चों और 3 पुरुषों को सुरक्षित निकाला। एनडीआरएफ टीम के कमांडर विपिन प्रताप ने बताया कि कुछ लोग पहले ही वहां से अपने मवेशियों को लेकर हरियाणा की तरफ सुरक्षित निकल गए थे। गौरतलब है कि 18 अगस्त को हथिनीकुंड से पानी छोड़ा गया था, पानी छोड़ने की जानकारी जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दी गई थी, लेकिन बावजूद ऐसी स्थिति बनी। वहीं तिलवाड़ा गांव में मौजूद लेखपाल ने बताया कि उन्होंने पहले ही लोगों को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि मैं तीन दिन से लगातार इन लोगों को समझा रहा था, कि नदी के पार ना जाएं लेकिन ये नहीं माने। लोगों का कहना था कि इससे उनकी फसल का नुकसान हो जाएगा। वहीं जेवर विधायक भी लोगों के फंसे होने की जानकारी पाकर तिलवाड़ा गांव पहुंच गए। उन्होंने कहा कि 40 साल में सबसे ज्यादा पानी इस बार छोड़ा गया है। अगर पानी घरों तक पहुंचता है, तो लोगों के निकालने की उनके पास पूरी व्यवस्था है। इसके अलावा विधायक ने बताया कि इन तटीय गांव तक पहुंचने के लिए सड़क व्यवस्था सही नहीं है जिसे दुरुस्त कराया जा रहा है ताकि देर रात किसी प्रकार की आपात स्थिति होने पर लोगों को घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।

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जिलाधिकारी यमुना बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का किया दौरा

जिलाधिकारी बीएन सिंह ने ग्राम याकूबपुर पहुंचे जहां पर उन्होंने सिंचाई विभाग के वॉच सेंटर पर यमुना नदी में आ रहे पानी का जायजा लिया। इस अवसर पर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता नीरज कुमार के द्वारा जिलाधिकारी को बताया कि विगत 2013 में 3 लाख 67 हजार क्यूसेक पानी आने पर जनपद के किसी भी ग्राम को बाढ़ से कोई क्षति नहीं पहुंची थी। शाम तक अधिकतम 2 लाख 20 हजार क्यूसेक पानी पहुंचने की संभावना है और यमुना नदी के किनारे बसे हुए ग्राम याकूबपुर, मॉमनाथल तथा अन्य सभी ग्राम सुरक्षित हैं और किसी भी गांव में बाढ़ से कोई भी प्रभावित नहीं है। जिला अधिकारी ने इस अवसर पर ग्रामीणों से भी बातचीत किया। जिन्होंने जिलाधिकारी को बाढ़ के संबंध में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं बताई और ग्रामीणों ने अवगत कराया कि प्रशासन के अधिकारी एवं कर्मचारी 24 घंटे लगातार निगरानी कर रहे हैं और गांव वालों के संपर्क में हैं। इस दौरान अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मुनींद्र नाथ उपाध्याय, उप जिलाधिकारी सदर प्रसून द्विवेदी, अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग नीरज कुमार तथा अन्य संबंधित अधिकारीगण साथ में उपस्थित रहे।

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