-कैंपस प्लेसमेन्ट से छात्रों का चयन कर कई कंपनियां जून माह में ज्वाइन करने का जारी कर चुके हैं आफर-पत्र
-परीक्षा पूरा नहीं होने की वजह से विद्यार्थियों में बन गयी असमंजस्य की स्थिति
ग्रेटर नोएडा,30 अप्रैल। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने पूरी दुनिया सहित भारत में कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए विश्वविद्यालयों में नये सत्र के लिए कैलेंडर और दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं। नये कैलेंडर में वर्तमान छात्रों के लिए 1 अगस्त से और नये दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए 1 सितंबर से सत्र आरंभ करने के लिए कहा गया है। साथ ही, नये छात्रों के लिए दाखिले की प्रक्रिया को 1 अगस्त से 31 अगस्त 2020 के बीच सम्पन्न कराने के निर्देश दिये गये हैं। यू.जी.सी. के निर्णय से स्नातक व स्नातकोत्तर विषयों के आखिरी वर्ष के विद्यार्थियों को नौकरियों से हाथ धोना पड सकता है। हाल ही में यू.जी.सी का निर्णय आया है कि स्नातक व स्नातकोत्तर विषयों के आखिरी वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाएं जुलाई माह में होंगी और स्नातक व स्नातकोत्तर विषय के प्रथम वर्ष व द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से मई व जून माह में करवायी जाएंगी। यू.जी.सी के इस निर्णय ने स्नातक व स्नातकोत्तर विषयों के आखिरी वर्ष के विद्यार्थियों की उम्मीदों पर पूरी तरह से पानी फेर दिया है। उन्हें तो मई व जून माह में उन कंपनियों को ज्वाइन करना था, जहां उनका प्लेसमेंट हुआ था। जुलाई माह में परीक्षा होने से वे सभी कंपनियां उन्हें बिना स्नातक व स्नातकोत्तर परीक्षा दिए नौकरी पर रखने को तैयार नहीं हैं। जिससे समाज में और इन विद्यार्थियों के जीवन में आर्थिक संकट गहराया दिखाई दे रहा है।
अभिभावक व विद्यार्थियों ने मांग की है कि अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों का यू.जी.सी (दिल्ली विश्वविद्यालय) इनकी परीक्षाएं ऑनलाइन माध्यम के जरिये मई माह में ही करवाएं जिससे ये सभी विद्यार्थी उन कंपनियों के साथ जुड़ सकें जो इन्हें नौकरी देने के लिए तैयार हैं, परन्तु परीक्षा में किसी भी तरह की देरी इनके लिए मानसिक तौर पर एक गहरा आघात बन सकता है, जो इनके व इनके परिवार के पूरे जीवन को प्रभावित करेगा। वहीं यूजीसी द्वारा 30 अप्रैल 2020 को जारी दिशा-निदर्शों के अनुसार विश्वविद्यालयों की लंबित सत्रांत वार्षिक एवं सेमेस्टर परीक्षाएं जुलाई और अगस्त में आयोजित की जा सकती हैं।