ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (एनआईईएस) के साथ एक समझौता पर हस्ताक्षर किया। जो नवीन और नवीनकरणीय ऊर्जा मंत्रालय एमएनआरई, सरकार की एक स्वायत्त संस्थान है, जो गुरूग्राम फरीदाबाद में स्थित है। राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सर्वोच्च राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास संस्थान है। एनआईईएस देश और विदेश में सौर ऊर्जा के विकास और व्यापक उपयोग के लिए सरकार और संस्थानों उद्योग और संगठनों के बीच एक प्रभावी इंटरफेस होने का लक्ष्य बना रहा है। इसलिए विद्युत अभियांत्रिकी विभाग और एनआईएसई दोनों नवीनकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में विषेश रूप से सौर ऊर्जा कवर उद्योग उपयोगिता और अन्य सभी हितधारको के संबंध में एक एकीकृत और सहयोगात्मक तरीके से काम करने के लिए सहमत है। संयुक्त रूप से ‘सूर्य मित्र’ और अन्य संबंधित कौशल विकास और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के उदेश्यों को तेज करने, विस्तार और प्राप्त करने के लिए काम करते है, जो एनआईएस-डीईई द्वारा शुरू किया गया है, बेहतर रोजगार की ओर है, नौकरी सृजन और उद्यमी को बढाया। एनआईएस विद्युत अभियांत्रिकी विभाग में चलाए जाने वाले प्रमाणपत्र-डिप्लोमा स्तर के पाठ्यक्रमों को संयुक्त लांन्च और व्यवस्थित करने का भी प्रस्ताव रखा गया। एक दूसरे के विषेशज्ञों संकाय संदस्यों प्रशिक्षुओं और छात्रों को आमंत्रित करने और संयुक्त या गंभीर रूप से आयोजित विभिन्न क्षमता के कार्यक्रमों एवम कार्यशाला की भी सहमति की गई। संवादत्मक सत्रों कार्यशालाओं रिफ्रेशर कोर्स राउंड, टेबल, सेमिनार और सम्मेलन जब भी और जहां भी संभव हो संयुक्त रूप से व्यवस्थित किया जायेगा। इस अवसर पर कुलपति प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने नव प्रकार के विकल्पों पर भी रौशनी डाली। डा. अरूण कुमार त्रिपाठी, महानिदेशक एनआईईएस ने एमएनआरई के अन्तगर्त राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान द्वारा चलाये गाये शध एवम विकास पर वार्तपलाप करते हुये भविष्य में आने वाली नितियों पर प्रकाशडाला। भौतिक विज्ञान में रूची लेते हुये कुलसचिव बच्चू सिंह सौर ऊर्जा पर चर्चा की। इस अवसर पर डीन अकादमिक प्रो. श्वेता आनद, अधिष्ठाता प्रो. पी. के. यादव, विभागाध्यक्ष विद्युत अभियांत्रिकी विभाग डा. शबाना उरूज, विक्रांत शर्मा, डा. महेश शर्मा (वरिष्ठ अनुसंधान वैज्ञानिक) तथा राहुल पचौरी (अनुसंधान वैज्ञानिक)प्रमुखता भी उपस्थित रहे।