ग्रेटर नोएडा,4 जनवरी। आईटीएस इन्जीनियरिंग कॉलेज में 26 दिसम्बर से 4 फरवरी तक इन्टरनेट ऑफ थिंग्क पर 35 दिनों का प्रौद्योगिकी उद्यमिता विकास कार्यक्रम आयोजित किया गया था। यह कार्यक्रम पूरी तरह से डीएसटी-एनआईएमटी द्वारा प्रायोजित था। यह कार्यक्रम इन्टरनेट ऑफ थिंग्स पर नवीनतम तकनीक पर आधारित उदयमिता की आवश्यकता ओर महत्व के बारे में जागरुकता पैदा करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। इसमें मुख्य अतिथि डा. एस.पी. मिश्रा, आई.टी.एस ग्रुप के सलाहकार ने विभिन्न संगठनों से आये युवाओ को प्रेरित किया कि वे स्वयं को उद्यमी के रूप में स्थापित कर सके और दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर प्रदान कर सके। अधिशाषी निदेशक डा. विकास सिंह ने कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत संचालित और ज्ञान आधारित औद्योगों का उछाल देख रहा है, चाहे वो परम्परागत व्यवसाय या किसी अन्य आधुनिक व्यापार का क्षेत्र हो, चाहे नये औद्योगों या स्टार्टअप की संख्या में अचानक बढ़ोतरी ने देश को आश्चर्यचकित कर लिया हो। उन्होंने यह भी समझाया कि इस प्रकार के व्यवसाय में प्रौद्योगिकी और नवाचार एक प्रमुख भूमिका निभा रहें है। इस कार्यक्रम में सतेंद्र कुमार, जी.एम. टीबीआईकेईटी डॉ. रीता सेन गुप्ता, पूर्व निदेशक एनआईईएसबीयूडी के. के. गोयल, असिस्टेन्ट निदेशक, एमएसएमई, सुकृति सिंह, एमएचए, भारत सरकार, डा. ललित एल शर्मा, प्रो. जयपूरिया कॉलेज ओर बहुत प्रतिष्ठत व्यक्तित्वों की उपस्थिति और सत्रों द्वारा 35 दिनों तक चले टीईडीपी कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हुआ। कार्यक्रम के अंत मे डा. विकास सिंह द्वारा कार्यक्रम के प्रतिभागी सभी युवाओं को स्मृति चिन्ह, और प्रमाण-पत्र देकर समान्ति किया।
आईटीएस में इंटरनेट ऑफ थिंग्स पर प्रौद्योगिकी उद्यमिता विकास कार्यक्रम का हुआ समापन
