अफगानिस्तान के राजदूत ताहिर कादरी ने किया 15 दिवसीय फैशन, फूड और कल्चर प्रदर्शिनी मेला का शुभारंभ

दिल्ली एनसीआर औऱ चंडीगढ के विभिन्न जगहों पर होगा कार्यक्रम

नोएडा। अफगानिस्तानी दूतावास के साथ फैशन, फूड और कल्चर को बढ़ाने के लिए सीडी फाउंडेशन की पहल पर शुरू हुआ 15 दिवसीय भव्य प्रदर्शिनी मेला। इस मौके पर इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान के राजदूत ताहिर कादरी ने शिरकत किया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप जलाकर किया गया। इसके साथ ही कार्यक्रम में फैशन सो का भी प्रदर्शन किया गया। इस दौरान अफगानिस्तान के राजदूत ताहिर कादरी ने बताया कि 23 सितम्बर को अफगानिस्तान आजादी का अपना सौ साल पूरा किया है। इस मौके पर कई सारे कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शताब्दी वर्ष के उपलक्ष में हम सीडी फाउंडेशन के साथ मिलकर भारत और अफगानिस्तान के फैशन, फूड और कल्चर को प्रमोट करने के लिए 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक दिल्ली एनसीआर और चंडीगढ़ के विभिन्न जगहों पर 15 दिवसीय प्रदर्शिनी का आयोजन करने जा रहे है। यह आयोजन 10 से 25 अक्टूबर तक दिल्ली, एनसीआर औऱ चंडीगढ़ में आयोजित किया जा रहा है। वहीं, इस मौके पर एसे कार्यक्रम करने के लिए ताहिर कादरी ने सीडी फाउंडेशन की संस्थापक निदेशक चारू दास को भी धन्यवाद किया।

अफगानिस्तान के आजादी के सौ साल पूरे होने पर फैशन,फूड और कल्चर को बढ़ावा देने को लेकर सीडी फाउंडेशन की पहल पर  प्रदर्शिनी मेला

इस मौके पर ताहिर कादरी ने बताया कि भारत औऱ अफगानिस्तान की संस्कृति बहुत ही मिलती जुलती है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मुझे भारतीय पानी-पूरी (फुचके) बहुत ही ज्यादा पसंद है और हम समय समय पर अपने पसंदीदा व्यंजनों को बड़े चाव से अपने खाने में रखता हूं। वहीं, इस अवसर पर सीडी फाउंडेशन की संस्थापक निदेशक चारू दास ने कहा कि य़ह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हमारी संस्था को अफगानी फैशन, फूड और कल्चर को प्रमोट करने की जिम्मेदारी दी गई है। इस मौके पर एएएफटी के चेयरमैन संदीप मारवाह ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम करने के लिए हम सीडी फाउंडेशन की संस्थापक निदेशक चारू दास और अफगानिस्तान के राजदूत ताहिर कादरी को मुबारकबाद देते है। साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सीडी फाउंडेशन फैशन, फूड और कल्चर को प्रमोट करने को लेकर नेतृत्व करेगी। वहीं इस मौके पर ताहिर कादरी समेत, चारू दास, संदीप मारवाह, विशाल, सोनी, रामिन अतिकज़दा, और अफगानी डेलीगेट (फूड, फैशन औऱ कल्चर के) भी मौजूद रहे।

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