डकैती में युवकों को झूठा फंसाने का ग्रामीणों ने लगाया आरोप, किया हंगामा

 

-हिरासत में लिए युवकों के परिजनों ने स्थानीय पुलिस पर लगाये गम्भीर आरोप

-महिलाओं ने किया आत्मदाह का प्रयास, मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद

रबूपुरा। कोतवाली क्षेत्र में करीब दो सप्ताह पूर्व हुई डकैती के मामले में कुछ युवकों को फर्जी तरीके से फंसाने का आरोप लगाते हुए परिजन व ग्रामीणों ने कोतवाली का घेराव कर जमकर हंगामा किया। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस पर कई गम्भीर आरोप लगाया हैं। मामला बिगड़ता देख स्थानीय प्रशासन के पसीने छूट गये और उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई। भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहंुचे एसपी देहात रणविजय सिंह व सीओ जेवर शरद चंद्र शर्मा ने बामुश्किल लोगों को समझा-बुझा कर शांत कराया तथा उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। गांव मिर्जापुर निवासी सुरजन सिंह के यहां गत 25 अक्टूबर की रात परिजनों को बंधक बनाकर लाखों रूपये की डकैती डालने का मामला प्रकाश में आया था। जिसके सम्बंध में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन शुरू की थी। इसी के चलते स्थानीय पुलिस ने पिछले कई दिनों से करीब आधा दर्जन युवकों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले रखा है। जहां एक तरफ पुलिस उनके वारदात में शामिल होने का दावा कर रही है तो वहीं उनके परिजन पुलिस पर युवकों को झूठे मुकदमें में फंसाने एवं दो युवकों से लाखों रूपये लेकर छोड़ने का आरोप लगा रहे हैं।

महिलाओं ने किया आत्मदाह का प्रयास

मंगलवार को युवकों को झूठा फंसाने के विरोध में सैकड़ो पुरूष व महिलाएं कोतवाली पहुंची। पहले तो वह इस इंतजार में रहे कि कोई उनसे बात कर कुछ आश्वासन दे लेकिन घंटो बीत जाने के बावजूद भी कोई संतोषजनक जबाव नहीं मिला और हिरासत में लिए युवकों को गाड़ी में बिठाकर ले जाया जाने लगा। पुलिस की कार्यशैली से लोगों का गुस्सा भड़क गया और कोतवाली का घेराव कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। लोगों ने चीख-चीख कर पुलिस पर युवकों को छोड़ने की एवज में रूपये मांगने एवं मोटी रकम देने में असमर्थता जताने पर उन्हें फर्जी तरीके से फंसाने का आरोप लगाया। इस दौरान महिलाओं ने अपने उपर कैरोसिन आॅयल डालकर आग लगाने का प्रयास किया। हालांकि गनीमत रही कि लोगों ने उन्हें बामुश्किल संभाल लिया। हंगामे के दौरान दो महिलाएं कई बार बेहोश होकर गिर पड़ीं।

सीओ ने संभाला मोर्चा

कोतवाली परिसर में हो रहे हंगामे से मामला बिगड़ता देख जिला प्रशासन में हड़कम्प मच गया और सीओ जेवर शरद चंद्र शर्मा ने मौके पर पहंुच लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण हिरासत में लिए युवकों को निर्दोष बताते हुए उन्हें छोडने की मांग पर अड़े रहे। देखते ही देखते थाना परिसर छाबनी में तब्दील हो गया। दनकौर, वीटा 2, जेवर समेत आधा दर्जन से अधिक थानों के प्रभारी और पुलिस बल पहुंच मौके पर तैनात हो गया। तत्पश्चात एसपी देहात रणविजय सिंह ने कोतवाली पहुंच लोगों से वार्ता की और उचित जांच और कार्रवाई का आश्वासन देते हुए लोगों को शांत कराया।

ग्रामीणों का धरना जारी

एसपी देहात के आश्वासन के बाद प्रदर्शन कर रहे लोग शांत जरूर हुए लेकिन उनका अभी भी आरोप है कि पुलिस हिरासत में लिए युवकों को फर्जी तरीके से वारदात में फंसा रही है। इनमें कुछ युवक निजी संस्थानों में नौकरी करते हैं। जिनके डयूटी पर होने के साक्ष्य भी परिजनों के पास मौजूद हैं। लेकिन आरोप है कि पुलिस किसी के दबाव में काम कर रही है तथा पिछले कई दिनों से नहीं तो परिजनों से ठीक से बात कर रही है और नहीं हिरासत में लिए युवकों से मिलने दिया गया है। उनके बच्चों को मारपीट के साथ ही बुरी तरह प्रताड़ित किया जा रहा है। जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता तब तक वह धरने पर बैठे रहेंगें।

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-पूरा मामला संज्ञान में है जिसकी गहनता से जांच की जा रही है। कुछ युवकों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पुलिस पर लगाये गये आरोप निराधार हैं तथा किसी भी निर्दोष को नहीं फंसाया जायेगा। कुछ लोग राजनीति के तहत पुलिस पर अनावश्यक दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। अगर किसी ने माहौल खराब करने की कोशिश की तो उनके खिलाफ की कार्रवाई की जायेगी।

– रणविजय सिंह, एसपी ग्रामीण

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