ग्रेटर नोएडा,13 दिसम्बर। सेक्टर गामा-दो में संतुरा हॉस्पिटल के प्रांगण मे सर्वजन कल्याणार्थ एवं पर्यावरण संरक्षण तथा शहर के चहुमुखी विकाश हेतु नवकुंडीय नवग्रह शांति महायज्ञ का आयोजन चल रहा है, जिसमे शुक्र ग्रह का विधि विधान से हवन यज्ञ किया गया। शुक्र ग्रह की शांति के लिए आचार्य प्रेमानंद कौशिक महाराज ने बताया कि शुक्र ग्रह सुंदरता के प्रतिक और ऐशो आराम,सुख,कामुकता,चमक ,इत्र आदि सभी प्रकार की सुख सम्बृद्धि व साधनों का कारक माना जाता है। शुक्र वृष एवं तुला राशि का स्वामी है, मीन राशि शुक्र की उच्च व कन्या नीच राशि है। इसकी महादशा सभी ग्रहो में सबसे अधिक 20 वर्ष की होती है। सुन्दर होने के साथ-साथ शुक्र प्रभावित जातक कुशाग्र बुद्धि, कुशल वक्ता व आकर्षक व्यक्तित्वा का स्वामी होता है, लोग इन्हे सुन्ना पसंद करते है व सहज ही इनकी ओर आकर्षित हो जाते है। यदि शुभ जन्म कुंडली में योग करक होकर शुभ स्थिति हो तो जातक को कुशाग्र बुद्धि व आकर्षक व्यक्तितव का स्वामी बनाती है। ऐसे व्यक्ति कुशल वक्ता होते है, शुक्र को शुभ स्थिति मान सम्मान में इजाफा करती है। यदि शुक्र ग्रह की मारक या अशुभ स्थिति हो तो शुक्र की महादशा में जातक की भोग विलाश तो स्वपन जैसी बात हो जाती है ,छोटी छोटी जरुरतों के लिए बहुत खपना पड़ता है। स्त्रियों से कष्ट प्राप्त होता है ऐसे जातक सहज दूसरों से आकर्षित हो जाते है और उनका अपने पर नियंत्रण नहीं रहता और सही गलत की पहचान नहीं समझ पाते। अतः शुक्र ग्रह की शांति के लिए हवन पूजन विधि विधान द्वारा किया गया। इस महायज्ञ का आयोजन आचार्य प्रेमानंद कौशिक महाराज के निर्देश में काशी के विद्वानों द्वारा हो रहा है।