ग्रेटर नोएडा,29अक्टूबर।गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कार्यक्रम अभिव्यंजना में गुरुवार शाम गजलों से सराबोर रही। विश्वविद्यालय की ओर से विद्यार्थियों के इस उत्सव को यू-ट्यूब पर लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से विद्याथियों, शिक्षकों और अन्य ने देखा। दूसरे दिन सुबह विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में अपने हुनर को दर्शाया। होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज है.. निदा फाजली की लिखी इस गजल को डॉ. शैलेष सिंह ने गाकर समां बांध दिया।
डॉ शैलेश सिंह बनारस घराना से हैं वह बड़े ही सुरीली आवाज में गजल प्रस्तुत किए। उन्हीं के साथ डॉक्टर राजकुमार झा ने अपना होनर तबला बजाकर प्रस्तुत किया। सभी विद्यार्थियों व शिक्षकों ने शाम- ए- ग़ज़ल का लुफ्त उठाया गया।
डॉ शैलेश ग़ज़ल एवं भजन के साथ साथ ठुमरी गायन के एक जानेमाने कलाकार हैं। अभिव्यंजना में उनके द्वारा गये गए कुछ मुख्य ग़ज़ल निम्न हैं:
1. हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफ़िर की तरह
2. होशवालों को को ख़बर क्या बेख़ुदी क्या चीज़ है
3. तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो, क्या ग़म है जो छिपा रहे हो
4. झुकी झुकी सी नज़र
5. हम तो हैं प्रदेश में, देश में निकला होगा चाँद
6. तुम को देखा तो ये ख़याल आया
1- 12 से 1 बजे तक- अर्ट क्लब
इसमें विद्यार्थियों ने अपने चेहरे पर कई प्रकार की चित्रकारी को दर्शाया। यह चित्रकारी बहुत ही अद्भुत लग रही थी। इसमें सभी ने कई प्रकार के रंगों का प्रयोग किया।
2- 1 से 2 बजे तक- फोटोग्राफी क्लब
छायाचित्र एक ऐसी कला है जिसके माध्यम से भौतिक वस्तु से निकलने वाली विकिरण को तस्वीर के रूप में दिखाया जाता है और इसी को देखते हुए कई विद्यार्थियों ने अपना हुनर प्रस्तुत किया। कई ने विश्वविद्यालय की तस्वीर दिखाई और कई ने प्रकृति की दिखाई। सुंदरता और रचनात्मक का समन्वय दर्शाया।
3- 2 से 3 बजे तक- संगीत कार्यक्रम
अनेक विद्यार्थियों ने अपनी सुरीली आवाज से दर्शकों को संगीत सुनाया। इसमें कई विद्यार्थियों के साथ मिलकर शिक्षकों ने भी संगीत का आनंद उठाया।
4- 3 से 4 बजे तक- साहित्यिक कार्यक्रम
विद्यार्थियों ने अनेक प्रकार की कविताएं और साहित्यिक कहानियों का विश्लेषण किया जिसके द्वारा हमें पता चलता है कि विद्यार्थियों में कितना हुनर है।
5- 4 से 5 बजे तक- वार्तालाप कार्यक्रम
इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता पर चर्चा की। सभी ने अपने विचारों को प्रस्तुत किया जो बहुत ही रोचक था।
6- 6 से 7 बजे तक- शाम – ए – गजल
जीबूीयू शाम-ए-गजल में कलाकारों ने बांधा समा,अभिव्यंजना में सांस्कृति व कला का दिखा संगम
