जेपी अस्पताल ने किया स्त्री स्वास्थ्य समस्याओं पर जागरुक

-देश की 15 से 49 वर्ष की तकरीबन 51 फ़ीसदी स्त्रियां हैं एनीमिया का शिकार

ग्रेटर नोएडा,21 अगस्त। जेपी अस्पताल नोएडा ने महिला स्वास्थ्य जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया, जहां डॉक्टर रीनू जैन, आब्सटेट्रिक्स एण्ड गायनाकोलॉजी और डॉक्टर साक्षी श्रीवास्तव, स्किन केयर स्पेशेलिस्टऔर डॉक्टर निर्मल, फ़िज़ियोथेरेपिस्ट,ने महिलाओं को स्त्री स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के विषय में शिक्षित किया। कार्यक्रम में अस्पताल के आस पास की सोसाइटी क्लब्स की लगभग 100 से ज़्यादा महिलाओं ने भाग लिया और लाभान्वित हुई। ग्लोबल न्यूट्रीशन रिपोर्ट के अनुसार देश की तकरीबन 51 फ़ीसदी महिलाएं (15 से 49 वर्ष की आयु) एनीमिया से ग्रसित हैं। यह आंकड़ा निश्चित ही चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है खासतौर से उस उम्र में जब महिलाओं के शरीर में खून की उचित मात्रा की ज़रूरत होती है। एनएचएफएस (नेशनल हेल्थ एंड फैमिली सर्वे) के अनुसार हर 7 में से एक या अधिक महिलाओं को गर्भवती होने के दौरान उचित देखभाल नहीं मिल पाती क्योंकि उनके पति और परिवार वाले इसकी ज़रूरत नहीं समझते। ऐसे परिवार एक स्वस्थ बच्चा तो चाहते हैं लेकिन इस बात को नहीं समझते कि स्वस्थ बच्चे के लिए जन्म देने वाली मां का पोषण प्रमुख होता है।

               डॉक्टर रीनू जैन, सीनियर कंसल्टेंट, डिपार्टमेंट ऑफ़ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनाकोलॉजी, जेपी अस्पताल, नोएडा ने कहा कि “आज के दौर में हमारी महिलायें समाज के हर क्षेत्र में अपनी सफल उपस्थिति दर्ज करवा रही हैं। फिर भी जब खास तौर पर महिलाओं के स्वास्थ्य की बात करें तो नज़र आता है कि स्वास्थ्य की मूलभूत सुविधाओं से भी वे महरूम हैं। गर्भावस्था, मासिक चक्र ऐसी स्थितियां हैं जब महिलाओं को सामान्य से अधिक पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है। फिर भी देश के कई इलाकों में खासकर गर्भधारण करने की उम्र में उनसे केवल बच्चे पैदा करने की उम्मीद की जाती है, जबकि यही वह उम्र है जब स्वस्थ बच्चे के लिए मां को सबसे ज्यादा पोषण की ज़रूरत होती है। महिलाओं को भोजन में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, विटामिन्स और अन्य पोषक तत्वों को भरपूर मात्रा में लेना चाहिए। साथ ही समय समय पर जांच करवाते रहना चाहिए। समाज को संवेदनशील होने की ज़रूरत है साथ ही महिलाओं को भी खुद का ध्यान रखना चाहिए।

                   डॉक्टर रीनू जैन की बात से सहमत होते हुए डॉक्टर साक्षी श्रीवास्तव, सीनियर कंसल्टेंट, डिपार्टमेंट ऑफ़ डर्माटोलॉजी, जेपी अस्पताल, नोएडा ने कहा कि, “अपने डेली स्किन केयर रूटीन के साथ साथ पोषण पर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि त्वचा सम्बन्धी कई समस्याएं पोषण की कमी, अस्वस्थ जीवनशैली और तनाव से भी होतीं हैं।बल्कि शहरों में बढ़ते प्रदूषण और बदलते मौसम का भी त्वचा पर बहुत असर पड़ता है। कुछ त्वचा संबंधी समस्याएं अनुवांशिक भी होतीं हैं, इसलिए अपनी रोग सम्बन्धी फैमिली हिस्ट्री देखकर संबंधित जांच करवानी चाहिए, क्योंकि शुरुवात में ही किसी रोग का पकड़ में आजाना सही होता है। हमारी महिलाओं को स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए और परिवार के साथ साथ खुद का भी ख्याल रखना चाहिए।

                    डॉक्टर निर्मल, फ़िज़ियोथेरेपिस्ट,जेपी अस्पताल, नोएडाने महिलाओं को होने वाली कुछ सामान्य समस्याओं के बारे में बताया। उन्होंने कुछ ऐसे व्यायाम के तरीके प्रदर्शित करके बताये जो सामान्य रूप से घर पर बिना किसी इक्यूपमेंट्स के किये जा सकते हैं। कई बार इलाज के दौरान दवाइयां समय से ली जाती हैं लेकिन बताई गयी फिजियोथेरेपी को नज़रंदाज़ किया जाता है जिसका बाद में घातक परिणाम सामने आता है। शारीरिक रूप से स्वस्थ, एक्टिव रहना बेहद ज़रुरी है। कई महिलायें शरीर में होने वाले दर्द को बढती उम्र का हिस्सा मानकर नज़रंदाज़ कर देती हैं, लेकिन ऐसी किसी भी समस्या को नज़रंदाज़ करने के बजाय डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। अपने अस्पताल में अनुभवी डॉक्टरों के साथ आधुनिक सुविधाएँ, सेवाएं देने के अलावा जेपी अस्पताल मुफ्त जांच कैंप, जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता रहता है।

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