ग्रेटर नोएडा। ‘सोलमेट्स: डेस्टिनेड टू बी टुगेदर’ की लेखिका आसरिन हुसैन ने ग्रेटर नोएडा प्रेस क्लब में अपनी पुस्तक का विमोचन किया। आसरिन की तीन उपन्यासों में से सोलमेट्स एक है। इससे पहले उन्होंने दिस इज़ नॉट ए लव स्टोरी, ‘द मुसाफिर: व्हेयर इज योर डेस्टिनेशन’, और उनकी नवीनतम रिलीज़ ‘सोलमेट्स: डेस्टिनेड टू बी टुगेदर’ है। आसरिन ने प्रेस वार्ता में बताया कि यह स्वर्ग जैसे देश के एक शहजादे की कहानी है, जिससे दुनिया अंजान है और यह शहजादा शासक और योद्धा और इस्लाम में दृढ़ विश्वास रखने वाली है कि कभी किसी ने उसका चेहरा नहीं देखा था। उसी समय एक अलग देश में स्थित उसकी सोलमेट ने, उसके साथ अज्ञात ने उसकी पेंटिंग खींची थी। वह एक योद्धा था और उसकी कल्पना उसे अपने देश ले गई। उन्होंने एक साथ रहने के लिए कई मुशीबतों का सामना किया। ‘यह सब दो बच्चों अहद और अहलाम को सुनाई गई कहानी थी, ताकि उन्हें प्यार और जीवनसाथी की ताकत सिखाई जा सके। यह समय के अनुसार सच हो जाता है।
राजस्थान के कोटा में एक मध्यमवर्गीय परिवार में पैदा हुई और पली-बढ़ी। लेखिका पसंद से नहीं बल्कि जन्म से है। उसने तब लिखना शुरू किया जब वह सिर्फ 8 साल की थी, पूरे दिल, कल्पना और रचनात्मकता के साथ। उनका मानना है कि अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अपने अंतिम उद्देश्य तक पहुंचने के लिए व्यक्ति को धैर्य रखना चाहिए। उनका मानना है कि एक बार जब आप धैर्य रखते हैं तो खुशियां आपके दरवाजे पर दस्तक देने लगती हैं।