ग्रेटर नोएडा। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान(जिम्स) के पास अभी तक जमीन नहीं थी, संस्थान लम्बे समय से शासन प्रशासन से जमीन की मांग कर रहा है, आखिरकार उत्तर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट की बैठक में जिम्स के लिए 56 एकड़ की जमीन मुफ्त में देने के लिए मुहर लगा दिया है, जिसकी कीमत लगभग 450 करोड़ रुपये है। तीन दिन पहले जिम्स प्रशासन के पास शासन का पत्र मिला है। ग्रेटर नोएडा औद्योगित विकास प्राधिकरण से पजेशन व अलॉटमेन्ट पत्र मिलने के बाद से जिम्स के लिए भवन निर्माण का काम शुरु हो जाएगा। जिम्स को खुद की जमीन मिलने पर जिम्स प्रशासन व चिकित्सकों में काफी उत्साह है। जिम्स के निदेशन डॉ.(ब्रिगेडियर) राकेश गुप्ता ने प्रेस वार्ता में बताया कि चिकित्सा सुविधा को लेकर हमें जो बाधाएं आ रही थी अब दूर हो जाएगा, पजेशन व अलॉटमेन्ट पत्र मिलने के बाद बिल्डिंग बनाने का मसौदा तैयारकर बजट के लिए शासन को भेजा जाएगा। राकेश गुप्ता ने बताया कि प्रति वर्ष हमें जीबीयू को 4-5 करोड़ रुपये किराया देना पड़ता है।
जिम्स लम्बे समय से जमीन की मांग कर रहा था। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं के साथ 100 छात्रों को एमबीबीएस की पढ़ाई भी दी जाती हैं। छात्रों को यहां पर पढ़ाया भी जाता है, लेकिन छात्रों के लिए कॉलेज भवन, लाइब्रेरी और हॉस्टल आदि गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय से किराए पर लिए हुए हैं। अब जमीन मिलने के बाद राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान अपनी लाइब्रेरी, कॉलेज भवन और हॉस्टल का निर्माण करेगा। नेशनल मेडिकल कमीशन के स्नातकोत्तर एमडी और एमएस की कक्षाएं भी जिम्स में वर्ष 2020 से चल रही हैं।
नेशनल मेडिकल कमीशन के मानकों के अनुसार संस्थान के संचालन और विस्तार के लिए संस्था के लिए कॉलेज भवन, लाइब्रेरी और अन्य भवनों का होना आवश्यक है। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान जनोपयोगी संस्थान है। योगी आदित्यनाथ के इस फैसले के बाद चिकित्सा सुविधा, उपचार और चिकित्सा शिक्षण से प्रदेश की जनता को उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। आपको बता दें कि कोरोना काल में प्रदेश भर के अन्य संस्थानों की अपेक्षा जिम्स ने कोरोना मरीजों के इलाज और देखभाल में सबसे अच्छा कार्य किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोविड काल में जिम्स का दौरा किया था, जिम्स में चिकित्सा व्यवस्था की तारीफ की थी। इस दौरान डॉ. रम्भा पाठक,एचओडी कम्युनिटी मेडिसिन, डॉ. सौरभ श्रीवास्तव सीएमएस, डॉ. अनुराग श्रीवास्तव जिम्स प्रशासन मौजूद रहे।
ई-ब्लड बैंक के माध्यम से जिम्स करेगा सहयोग
इलाज के लिए अस्पताल में मरीज को खून की जरुरत पड़ेगी तो उन्हें तत्काल इलाज के लिए खून मिल जाएगा, मरीज को वादा करना होगा की ठीक होने के बाद वह जिम्म के ब्लड बैंक में रक्त का दान करेगा। लोगों में रक्तदान के लिए जिम्स शिविर भी लगाएगा, जिसके लिए एक बल्ड डोनेशन वैन 46 लाख की लागत से तैयार किया जा रहा है, जिसे एनपीसीएल डोनेट किया है।
कैसलेस की सुविधा देगा जिम्स
स्वास्थ्य बीमाधारक मरीजों के लिए जिम्स कैसलेस की सुविधा शुरु कर रहा है, जिसके लिए सेमी प्राइवेट वार्ड तैयार किया है। कैसलेस के लिए मरीज को शर्त यह होगा कि इलाज के बाद मरीज सम्बन्धित कंपनी में रिम्बर्समेन्ट फाइल करेगा। जो भी पैसा कंपनी से मिलेगा मरीज उक्त पैसे को अस्पताल में जमा करेगा। जिम्स निदेशक ने यह भी बताया कि आर्थिक रुप से कमजोर व्यक्ति लिखित रुप में देता है तो उसका निःशुल्क इलाज किया जाएगा।
रोगी की देखभाल के लिए
-टाइप वन मधुमेह के लिए GIMS उत्कृष्टता केंद्र स्थापित कर रहा है
GIMS अपने डायलिसिस सेंटर को 5 मशीनों से बढ़ाकर 15 मशीनों तक कर रहा है और लागत कम कर रहा है
GIMS शुरू कर रहा है MRI सेवाएं
GIMS ने मात्र 1000 रुपये प्रतिदिन में निजी वार्ड शुरू किया है
जीआईएमएस ने सभी सीजीएचएस, ईसीएचएस, सरकारी कर्मचारियों, प्रेस और मीडिया मित्रों और बीमा धारकों के लिए कैशलेस सेवाएं भी शुरू की हैं। ये मरीज बिना किसी शुल्क के सभी निजी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। वे संबंधित कार्यालयों या बीमा प्रदाता से धन का दावा कर सकते हैं और फिर अस्पताल शुल्क का भुगतान कर सकते हैं
GIMS ने सभी बच्चों को हर दिन अत्यधिक रियायती दरों पर सभी टीकाकरण शुरू कर दिए हैं
GIMS SEIMENS द्वारा CSR गतिविधियों के तहत BSL3 लैब की स्थापना कर रहा है
GIMS ने जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला की स्थापना की है और जल्द ही सेवाएं 20 मई 2022 से शुरू होंगी।
GIMS शीघ्र ही राज्य स्तरीय तपेदिक और औषधि संवेदनशीलता प्रयोगशाला भी स्थापित कर रहा है।
चिकित्सा शिक्षा –
01 अगस्त 2019 से 100 छात्रों के लिए एमबीबीएस पाठ्यक्रम और 2020 से नैदानिक विशिष्टताओं में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किया है, हालांकि राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड, 2021 में 60 छात्रों के लिए नर्सिंग कॉलेज और 2021 में 60 छात्रों के लिए पैरामेडिकल स्कूल। GIMS होगा निम्नलिखित पाठ्यक्रम शुरू करना:-
एमडी एनाटॉमी फिजियोलॉजी बायोकैमिस्ट्री पैथोलॉजी माइक्रोबायोलॉजी एंड फार्माकोलॉजी के विषय में एमडी पाठ्यक्रम