ग्रेटर नोएडा। थाना कासना क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामले में पुलिस ने अपहरण की झूठी सूचना के आधार पर जांच शुरू की, जो अंततः एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन सट्टेबाजी गिरोह के पर्दाफाश में बदल गई। पुलिस ने इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें कथित तौर पर अपहृत व्यक्ति भीम सिंह और उसका चचेरा भाई नारायण भी शामिल हैं।
मामले का विवरण
दिनांक 11 जून 2025 को डायल-112 के माध्यम से सुभाष चंद्र, निवासी अलवर, राजस्थान ने सूचना दी कि उनके 22 वर्षीय बेटे भीम सिंह का कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया है। सुभाष ने बताया कि उन्हें एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर 7 लाख रुपये की फिरौती मांगी और न देने पर उनके बेटे और उसके 25 वर्षीय चचेरे भाई नारायण की हत्या की धमकी दी। सुभाष के अनुसार, दोनों युवक 15-20 दिन पहले नोएडा में नौकरी करने आए थे, लेकिन उनके कार्यस्थल की कोई जानकारी परिवार को नहीं थी।
पुलिस की कार्रवाई
सूचना को गंभीरता से लेते हुए, थाना कासना पुलिस और स्वाट टीम ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और मैनुअल इंटेलिजेंस के जरिए जांच शुरू की। जांच में भीम सिंह की लोकेशन थाना बिसरख क्षेत्र के चैरी काउंटी में मिली। हालांकि, इस क्षेत्र में हाई-राइज बिल्डिंग्स और हजारों फ्लैट्स होने के कारण शुरुआत में सटीक स्थान का पता लगाना मुश्किल था। आगे की जांच में पुलिस को पता चला कि भीम सिंह गौर सिटी के व्हाइट आर्किड अपार्टमेंट, टावर नंबर-2 के एक फ्लैट में है। पुलिस ने छापेमारी कर वहां से ध्रुव और उसके तीन साथियों—मुकीम, विशाल कुमार और सन्नी कुमार को हिरासत में लिया। उनके कब्जे से 2 लैपटॉप, एक दर्जन मोबाइल फोन, अवैध सिम कार्ड, फर्जी आधार कार्ड और कई रजिस्टर बरामद हुए। ध्रुव ने पूछताछ में खुलासा किया कि वे ‘RUDRA CRIC LIVE APP’ के जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट सट्टेबाजी का गिरोह चला रहे थे। उन्होंने यह भी बताया कि भीम सिंह और नारायण राधा स्काई गार्डन के एक फ्लैट में अन्य साथियों के साथ सट्टेबाजी का काम कर रहे हैं। पुलिस ने राधा स्काई गार्डन के फ्लैट पर छापा मारा, जहां भीम सिंह, नारायण, हिमांशु और सुखदेव मिले। इन सभी को हिरासत में ले लिया गया।
पूछताछ में खुलासा
पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि वे ‘RUDRA CRIC LIVE APP’ के माध्यम से लाइव क्रिकेट मैचों में ओवर के रन, विकेट गिरने और हार-जीत पर सट्टा लगाते थे। यह काम व्हाट्सएप कॉल और अलग-अलग आईडी के जरिए किया जाता था। अभियुक्तों ने बताया कि उनके बॉस थाईलैंड और दुबई से इस गिरोह को संचालित करते हैं और फर्जी सिम कार्ड व बैंक खातों की व्यवस्था करते हैं। प्रतिदिन लगभग 30 लाख रुपये की कमाई को इन खातों में ट्रांसफर किया जाता था। भीम सिंह ने अपहरण की बात को झूठा करार देते हुए स्वीकार किया कि यह योजना उन्होंने और उनके साथियों ने मिलकर बनाई थी ताकि परिवार से पैसे ऐंठे जा सकें। पुलिस ने इस कार्रवाई में कुल 8 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से अवैध सामग्री बरामद की। यह मामला ग्रेटर नोएडा पुलिस की सतर्कता और तकनीकी दक्षता का उदाहरण है, जिसने न केवल एक झूठे अपहरण के मामले को सुलझाया बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय सट्टेबाजी गिरोह का भी भंडाफोड़ किया।