प्रयागराज। मंजिल पाने की लगन व जूनून हो तो सफलता जरुर मिलती है, अगर लक्ष्य को साधकर आगे बढ़े तो बाधाएं भी अपना रास्ता बदल देती हैं, ऐसा ही कुछ कर दिखाया है प्रयागराज जनपद के विकासखंड बहादुरपुर के ग्राम दलापुर निवासी वरुणेन्द्र मिश्रा के बेटे देवेश मिश्र ने। देवेश के पिता वरुणेन्द्र मिश्र पुश्तैनी किसान हैं जो अपने पिता राधेश्याम मिश्रा के खेतीबारी में सहयोग करते हैं। वरुणेन्द्र के पुत्र देवेश मिश्रा गाँव के परिवेश में पले-बढ़े हैं और गाँव के स्कूलों में ही शिक्षा-दीक्षा प्रारंभ की थी। देवेश ने अपने प्रथम प्रयास में ही बिहार पीसीएस जे की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली और न्यायाधीश बन गए। प्रयागराज विश्वविद्यालय से 2021 में एलएलएम करने के बाद देवेश पीसीएस जे की तैयारी करने लगे। देवेश मिश्रा के गाँव दलापुर में परीक्षा परिणाम आने के बाद से ही बधाईयों का सिलसिला लगातार जारी रहा, और शाम तक जश्न में तब्दील हो गया। गाँव की माटी में ही खेलकूद कर पला-बढ़ा किसान का बेटा अपने प्रथम प्रयास में ही पीसीएस जे की परीक्षा उत्तीर्ण कर ‘गुदड़ी के लाल की कहावत को चरितार्थ कर दिखाया। क्षेत्रवासियों को इस होनहार बालक की सफलता पर गर्व है। देवेश के चाचा ए़डवोकेट जिला न्यायालय सत्येन्द्र मिश्र ने बताया कि देवेश का बचपन से ही पढ़ने में रुचि था, देवेश की दो बहन शिक्षिका हैं, जो गांव में घर पर रहकर पढ़ाई की थी, दोनों बहनों से देवेश को पढ़ाई में हमेशा दिशा निर्देश मिलता रहा है।
माटी के लाल ने पहले ही प्रयास में लक्ष्य किया फतह, बिहार पीसीएस जे में हुआ चयन
![Mati's Lal targeted in the first attempt, got selected in Bihar PCS J](https://samvadexpress.com/wp-content/uploads/2022/10/Devesh-Mishra.jpg)