केसीसी कॉलेज में डिजिटल अर्थव्यवस्था के भविष्य पर राष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ आयोजन

National conference on future of digital economy organized in KCC College

 

केसीसी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल एंड हायर एजुकेशन, ग्रेटर नोएडा में विशेषज्ञों ने साझा किए अपने विचार

ग्रेटर नोएडा,31 जनवरी। केसीसी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल एणड हायर एजुकेशन, ग्रेटर नोएडा के स्कूल ऑफ कॉमर्स द्वारा “डिजिटल अर्थव्यवस्था का भविष्य: समकालीन चुनौतियाँ और उभरते अवसर” विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में उद्योग जगत के विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और छात्रों ने भाग लिया और डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास, उससे जुड़ी चुनौतियों और भविष्य में उभरने वाले नए अवसरों पर गहन विचार-विमर्श किया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और अतिथियों के सम्मान के साथ हुई। इस अवसर पर श्रीजन पाल सिंह, प्रसिद्ध लेखक एवं सोशल एंटरप्रेन्योर, मुख्य अतिथि एवं प्रमुख पैनलिस्ट, मधुकर कुमार, संस्थापक एवं सीईओ, एयोनेक्स, गौतम नागराज,एजीएम, हैवेल्स सीआरआई, कपिल जावा, संस्थापक एवं सीईओ, द कैपटिव शामिल हुए। संस्थान की निदेशक प्रो. डॉ. भावना अग्रवाल ने स्वागत करते हुए हुए कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था न केवल व्यापार और तकनीक की दिशा बदल रही है, बल्कि यह आम नागरिकों के जीवन पर भी गहरा प्रभाव डाल रही है। यह सम्मेलन हमें इस क्षेत्र के भविष्य को समझने और संभावनाओं पर चर्चा करने का एक अनूठा अवसर प्रदान कर रहा है। इसके बाद संस्था के चेयरमैन दीपक गुप्ता ने  सम्मेलन को आयिजित करने की बधाई दी और बताया कि यह आयोजन डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा प्राइवेसी, साइबर सुरक्षा और फिनटेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित रहेगा। अतिथियों का स्वागत और परिचय के बाद सम्मेलन प्रोसीडिंग्स का विमोचन किया गया, जिसके बाद प्रमुख आकर्षण पैनल चर्चा का आयोजन हुआ। इस चर्चा में अतिथियों ने डिजिटल अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति, उससे जुड़ी चुनौतियों और संभावित अवसरों पर अपने विचार रखे।

सम्मेलन के प्रमुख बिंदु:

🔹 डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रभाव

🔹 डेटा प्राइवेसी और साइबर सुरक्षा के बढ़ते मुद्दे

🔹 फिनटेक और डिजिटल पेमेंट्स के विस्तार की संभावनाएँ

🔹 डिजिटल इंडिया पहल और सरकारी नीतियों का योगदान

मुख्य अतिथि श्रीजन पाल सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “डिजिटल अर्थव्यवस्था सिर्फ तकनीक का विकास नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक और आर्थिक क्रांति है।” वहीं मधुकर कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि “भारत के युवा उद्यमियों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म नए अवसरों के द्वार खोल रहे हैं।” गौतम नागराज ने उद्योग जगत के दृष्टिकोण से डिजिटल क्रांति के प्रभाव पर प्रकाश डाला, जबकि कपिल जावा ने उभरते स्टार्टअप्स और डिजिटल इनोवेशन पर अपने अनुभव साझा किए। पैनल चर्चा के बाद धन्यवाद ज्ञापन किया गया, जिसमें आयोजकों ने सभी अतिथियों, शिक्षकों, छात्रों और सहभागियों का आभार व्यक्त किया। इसके बाद सभी को लंच के लिए आमंत्रित किया गया। इस सम्मेलन ने न केवल छात्रों और शिक्षकों को डिजिटल अर्थव्यवस्था के गहरे पहलुओं को समझने का अवसर दिया, बल्कि नए विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मजबूत मंच भी प्रदान किया। संस्थान की ओर से यह प्रयास आगे भी जारी रहेगा ताकि छात्र आधुनिक तकनीकों और आर्थिक परिवर्तनों के साथ कदम से कदम मिला सकें।

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