बदलते मौसम से लोगों की बढ़ सकती है मुश्किल, बरतें सावधानी-डॉ. श्रेय श्रीवास्तव

People's difficulties may increase due to changing weather, take care - Dr. Shrey Srivastava

ग्रेटर नोएडा। तेज़ गर्मी और नमी ने लोगों की मुश्किल बढ़ा दी हैं। हर दिन बदलता मौसम बच्चों, युवाओं से लेकर बुजुर्गों के लिए मुसीबत बन रहा है। बुखार, डायरिया से लेकर सर्दी, जुकाम से पीड़ित बच्चे और बुजुर्ग अस्पताल पहुंच रहे हैं। आंधी तूफान में उड़ती धूल की वजह से बुजुर्गों को दमा और ब्रोंकाइटिस की समस्या भी परेशान कर रही है। डॉक्टरों का कहना है कि इस बदलते मौसम  में  बच्चों और बुजुर्गों की विशेष देखभाल की जरूरत है। शारदा अस्पताल की मेडिसिन विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन 220-230 मरीज आ रहे  हैं वहीं बच्चों की ओपीडी में भी 100-150 सौ बच्चे प्रतिदिन इलाज के लिए आते हैं। इसमें से कोल्ड डायरिया से लेकर सर्दी, जुकाम, पेट दर्द , शरीर में पानी की कमी  बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या ज्यादा होती है। वहीं दमा, ब्रोंकाइटिस, जोड़ों में दर्द, निमोनिया, बुखार की समस्या से पीड़ित बुजुर्ग भी अस्पताल पहुंच रहे हैं।

शारदा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन विभाग के  डॉ. श्रेय श्रीवास्तव का कहना है कि इस मौसम में आपको विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है जैसे की बाहर का तला भूना खाने से बचे, पानी अधिक पीये, मौसमी फल और सब्जी खाए, धूप  से आकर तुरंत एसी में ना बैठे, पानी को गुनगुना करके पीये, मास्क का प्रयोग करे यह आपको आंधी-तूफ़ान में उड़ रही धूल मिट्टी से बचाव  करेगा। वहीं  बाल रोग  विशेषज्ञ डॉ. अमित विज का कहना है ओपीडी में ज्यादातर बच्चे डिहाइड्रेशन, पेट दर्द, बुखार से पीड़ित आ रहे हैं जिसमें से 7 से 10 साल  के बच्चों  में  पेट दर्द की समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है। वहीं 5  से कम उम्र वालो में पानी की कमी। डॉक्टर का कहना है की बच्चों के अब स्कूल खुलने पर विशेष सावधानी बरतें,  यदि आपका बच्चा घर से बहार है तो उसके साथ में खाने पीने की चीज़ रख दे, बाहर निकलने पर कोई कपड़ा या छाता से सर को ढकें, लम्बे समय का बना खाना ना खिलाएं, बिना डॉक्टर की सलाह के दवाई ना ले, छोटे बच्चो को मां का दूध अवश्य दे, धूप से तुरंत आकर एसी में ना बैठे।

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