ग्रेटर नोएडा। शारदा अस्पताल ने प्रसिद्ध चिकित्सा प्रौद्योगिकी कंपनी, प्राइमा विस्टा-रिचर्ड वुल्फ अकादमी जर्मनी के साथ साझेदारी करके इंटरनेशनल ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत की है। जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर रोगियों के देखभाल की नवीनतम तकनीकों को बढ़ाना है। यह भारत में अपनी तरह का पहला इंटरनेशनल ट्रेनिंग सेंटर होगा। इस सेंटर का उद्घाटन वाई.के. गुप्ता, वाइस चेयरमैन, शारदा अस्पताल और प्रो-चांसलर, शारदा विश्वविद्यालय एवं डॉ. ए.के गडपायले, चिकित्सा अधीक्षक, शारदा अस्पताल द्वारा किया गया। शारदा अस्पताल में यह सेंटर अपने आप में देश का पहला ऐसा बड़ा केंद्र है जो लोगों को आईसीयू में एक्यूट ब्रोंकोस्कोपी वाले मरीजों की देखभाल करने वाले पेशवरों के लिए पूरी तरह से समर्पित होगा। अस्पताल यह सुनिश्चित करना चाहता है कि गंभीर परिस्थितियों में लोगों की मदद के लिए डॉक्टरों और नर्सों के पास सर्वोत्तम प्रशिक्षण और कौशल हो। इस पहल पर अपने भाव व्यक्त करते हुए आईएससीसीएम प्रेसिडेंट साइटेशन अवार्ड प्राप्त, शारदा हॉस्पिटल के क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के सीनियर कंसल्टेंट एंड इंटरवेंशनल इंटेंसिविस्ट डॉ. मनीष भारती ने बताया कि आज तकनीक का स्तर बहुत ऊँचा हो चुका है और चिकित्सा क्षेत्र में भी तकनीक एक अहम भूमिका निभा रही है। हमें इस साझेदारी पर गर्व है और हम मानते है कि यह इंटरनेशनल ट्रेनिंग सेंटर एक्यूट ब्रोंकोस्कोपी आईसीयू में मरीजों की देखभाल के लिए एक बेहतर विकल्प साबित होगा। यह पहल शारदा ग्रुप की मानव जाति की सेवा करने के मिशन के लिए समर्पित है।
स्टीफन गिले, डायरेक्टर ऑफ़ क्लिनिकल कस्टमर सपोर्ट, रिचर्ड वोल्फ जी.एम.बी.एच ने भी इस साझेदारी पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा “वर्तमान समय में ब्रोंकोस्कोपी आईसीयू रोगियों की खास जरूरत है। इसमें बीमार रोगियों में परिणाम बदलने की क्षमता है। शारदा हॉस्पिटल के साथ हमारा यह सहयोग चिकित्सा क्षेत्र में प्रभावशाली कदम है और यह पहल हमारे मिशन, शिक्षा और ज्ञान पर आधारित है, जो चिकित्सा क्षेत्र में नए और सकारात्मक बदलाव लाएगा।” शारदा हॉस्पिटल और प्राइमा विस्टा-रिचर्ड वुल्फ एकेडमी, जर्मनी के बीच यह सहयोग रोगियों के देखभाल व्यवस्था बेहतर करते हुए चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस इंटरनेशनल ट्रेनिंग सेंटर के माध्यम से, रोगियों को लाभान्वित करने के लिए चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों के इनोवेशन, ज्ञान-साझाकरण और कौशल विकास को बढ़ावा देना है।