-जमीन अधिग्रहण पर खर्च होंगे लगभग 2000 करोड़ रुपये
–विकास कार्यों पर 1714 करोड़ रुपये की रकम होगी खर्च
गौतमबुद्ध नगर। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 5104 करोड़ रुपये बजट को मंजूरी दे दी है। औद्योगिक विकास आयुक्त व नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन संजीव मित्तल की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित बोर्ड बैठक में इस पर मुहर लग गई है। यह वित्तीय वर्ष 2017-18 के बाद सबसे बड़ा बजट है। इस बार के बजट में सर्वाधिक जोर जमीन अधिग्रहण, इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने और गांवों व सेक्टरों के विकास कार्यों पर दिया गया है। कोरोना संकट से निपटने के बाद ग्रेटर नोएडा ने एक बार फिर विकास की तेज रफ्तार पकड़ ली है। इस बार के बजट में इसकी झलक दिखाई पड़ेगी। खासकर लैंड बैंक बढ़ाने पर खासा जोर दिया जा रहा है। बैठक के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि बीते कुछ वर्षों में ग्रेटर नोएडा के प्रति औद्योगिक निवेशकों का रुझान तेजी से बढ़ा है। तमाम निवेशक उद्योग लगाने के लिए जमीन मांग रहे हैं। उनको जमीन उपलब्ध कराने के लिए प्राधिकरण लगातार प्रयासरत है। इस वजह 2022-23 के बजट में जमीन अधिग्रहण पर अधिक जोर दिया जा रहा है। इसके लिए करीब 2000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है।
प्राधिकरण इस साल कैपिटल व इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने पर भी प्राधिकरण विशेष फोकस कर रहा है। इसके लिए लगभग 1714 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। अन्य राजस्व व्यय के रूप में ग्रेटर नोएडा के सेक्टरों व गांवों के विकास, स्वास्थ्य सेवाओं आदि पर इस साल लगभग 1400 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने का लक्ष्य है। वहीं, इस साल प्राधिकरण को लगभग 7322 करोड़ रुपये की आमदनी होने का अनुमान है, जिसमें आवंटियों से प्राप्त होने वाली रकम के साथ ही अन्य राजस्व भी शामिल हैं। वहीं, कोरोना संकट के बावजूद बीते वित्तीय वर्ष में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को करीब 2200 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई है। इस बैठक में औद्योगिक विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार वर्चुअल रूप से मौजूद रहे।