उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को तीव्र करने के लिए लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड करना अनिवार्य-आईआईए

To accelerate industrial development in Uttar Pradesh, it is mandatory to free hold lease hold industrial land.

-लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड करने की आईआईए की मांग

-लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड करने से उद्योग चलाना होगा आसान

-गुलामी के प्रतीक भूमि कानून “लीज होल्ड” को देश के अमृत काल में बदलने की आवश्यकता

ग्रेटर नोएडा। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए ) जो उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा औद्योगिक संगठन है विगत अनेक वर्षो से प्रदेश में लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री हिल्ड करने की मांग सरकार से उठता आ रहा है| इसका कारण यह है कि यूपीसीडा अथवा उद्योग निदेशालय द्वारा उद्यमियों को दी गयी लीज होल्ड भूमि पर यदि उद्यमी को अपने उद्योग में कोई नया उत्पाद बनाना है, बैंक लिमिट में बदलाव करना है, उम्र ढलने के बाद अपने खुनी रिश्ते में ही उद्योग को हस्तगत करना है, उद्योग की भूमि एवं भवन किराये पर देने हों अथवा भूमि का अमल्गमेशन या सपरेशन करना है तो इन सभी कार्यो को करने के लिए उद्यमी को यूपीसीडा उद्योग निदेशालय की अनुमती लेना अनिवार्य होता है| राकेश बंसल चेयरमैन, ग्रेटर नोएडा चैप्टर ने बताया कि इस कार्य को कराने के लिए उद्यमियों को इन सरकारी दफ्तरों के बार-बार चक्कर लगाने पड़ते है और कुछ मामलो में उद्यमी भ्रष्टाचार का भी शिकार हो जाते है। यह स्थिति सरकार की ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस की निति के भी विपरीत है| उल्लेखनीय है कि लीज होल्ड पर भूमि देने का कानून अंग्रेजो के समय से चला आ रहा है जब अंग्रेजी शासन द्वारा देशवासियों को गुलाम बनाकर रखा गया था। वर्तमान में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने देश में आजादी के इस अमृत काल में गुलामी के प्रत्येक अंश से मुक्ति पाने का प्रण लिया है । अतः इन सभी कारणों से लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड किया जाना औद्योगिक विकास को गति देने के लिए नितान्त आवश्यक है। ऐसा करने से प्रदेश को अनेक लाभ होंगे जो निम्नलिखित हैं:-

प्रशासनिक परेशानियाँ कम होने से उद्यमियों के समय की बचत होगी जिससे प्रदेश में औद्योगिक विकास तिव्र होगा |

-प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद और राजस्व में ब्रिधि होगी जिससे सरकार का 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का ल्क्षय भी शीघ्र पूरा होगा |

-फ्री होल्ड भूमि पर नए औद्योगिक निवेश के अवसर पैदा होंगे जो सरकार की भी प्राथमिकता है |

-नए रोजगार सृजित होंगे जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार ढूँढने बाहर नहीं जाना पड़ेगा |

-लीज होल्ड से फ्री होल्ड करने पैर जो फीस सरकार को मिलेगी उससे सरकार नये औद्योगिक क्षेत्र सृजित कर सकेगी |

देश के कुछ राज्यों द्वारा लीज होल्ड भूमि से उद्योगों को होने वाली कठिनाइयां को ध्यान में रखते हुए इसे फ्री होल्ड करने का निर्णय लिया गया है जिसमें हरियाणा, दिल्ली, वेस्ट बंगाल एवं कर्नाटक मुख्य रूप से शामिल है। यह भी उलेखनीय है कि उत्तर प्रदेश उद्योग निदेशालय के औद्योगिक क्षेत्रों में फ्री होल्ड पालिसी लागु तो है परन्तु यह केवेल 1 हेक्टेयर या उससे बड़े भूखंडों पर ही लागु है | अतः इस सुबिधा से प्रदेश के सूक्ष्म एवं लघु उद्योग पूर्णतः बंचित हैं | अतः आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल द्वारा 30 नवंबर 2023 को लखनऊ में आयोजित उद्यमी महासम्मेलन में  मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से आग्रह किया गया है कि प्रदेश में उद्योग की लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड कर दिया जाए। सिंगल ने अपने प्रतिवेदन में यह भी स्पष्ट किया है कि लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड केवल इस शर्त के साथ ही परिवर्तित किया जाए कि इस भूमि का उपयोग किसी भी परिस्थिति में न बदला जा सके। इससे औद्योगिक क्षेत्र का स्वरूप भी नहीं बदलेगा और अतिरिक्त भूमि पर नए उद्योग भी स्थापित होंगे जिससे सरकार का राजस्व बढ़ने से साथ-साथ नए रोजगार भी सृजित होंगे। इस दौरान, राकेश बंसल चेयरमैन, शरबजीत सिंह, जेएस राणा, जेड रहमान सहित दर्जन भर प्रतिनिधि मौजूद रहे।

 

 

 

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