आकाश सी असीमता , धरती सी सहनशीलता

आकाश सी असीमता , धरती सी सहनशीलता

डा. हेमलता सिंह,एचओडी हिन्दी, समसारा द वर्ड एकेडमी

आकाश सी असीमता , धरती सी सहनशीलता
कहाँ है पाई जाती ?
“नारी ” एक शब्द में सारी दुनिया है समा जाती ,
दुनिया है समा जाती |

मुझे गर्व है कि मैं नारी हूँ
आकाश सी हूँ , धरती सी सहनशील हूँ |
मंद मुस्कराहट होठों पर
और विचारों में अडिग हूँ |
आकाश सी हूँ , धरती सी सहनशील हूँ |

घर की आधारशिला हूँ |
परिपक़्वता व् धैर्यता को अपने में समेटे
मैं जग की नव जीवनी शक्ति व् प्राणदायिनी हूँ |
मुझे गर्व है कि मैं नारी हूँ
आकाश सी हूँ , धरती सी सहनशील हूँ |

प्रतिकूल को अनुकूल बनाती हूँ |
प्रत्येक परिस्थिति को सहजता इ सह जाती हूँ |
हर रूप में गौरवगामिनी हूँ |
मुझे गर्व है कि मैं नारी हूँ
आकाश सी हूँ , धरती सी सहनशील हूँ |

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