आईएचजीएफ दिल्ली-मेले में माणा गांव के बने उत्पाद लोगों के लिए बना आकर्षक

 

-जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने हस्तशिल्प उत्पादकों से मिले

ग्रेटर नोएडा,18 अक्टूबर। 48वें आईएचजीएफ दिल्ली मेला ऑटम के तीसरे दिन जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मेले का दौरा किया। ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने कहा कि मेले में माणा गांव के उत्पादों पर आधारित एक फैशन शो आयोजित किया गया, जिसमें मॉडलों ने माणा गांव के कारीगरों के बनाए उत्पादों को पहन कर रैंप वॉक किया, जिसका मंत्री जी ने सराहना की।

उन्होंने बताया कि माणा गांव उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित एक गांव है, जो वास्तव में माणा पास (दर्रे) से पहले चीन की सीमा से महज 24 किलोमीटर पहले भारत का अंतिम गांव है, यहां के बासिंदे भोरतिया समुदाय की आखिरी पीढ़ी हैं। राकेश कुमार ने बताया कि माणा गांव के शिल्पकार कच्चे ऊन से बने उत्पाद बनाते हैं जैसे कि पंखी शॉल, खेस, ऊनी कपड़े इत्यादि। ये टिकाऊ, मुलायम या लचकदार, इको फ्रेंडली होते हैं. इन्हें पशुओं से प्राकृतिक तरीके से साल में एक बार प्राप्त किया जाता है। ईपीसीएच के डिजाइनरों के मार्गदर्शन में, इन कच्चे माल और माणा के कारीगरों की बारीकियों के साथ बाड़मेर (राजस्थान) की महिला कारीगरों के हाथ की शिल्पकारी कौशल को जोड़ा गया है ताकि उत्पादों की एक रेंज तैयार हो सके और साथ ही दोनों तरफ कई नए उत्पादों की संभावनाएं भी पैदा हो। माणा गांव से 10 मास्टर शिल्पकार चुने गए थे, जिनके सामान्य माणा कपड़ों जैसे कि पंखी शॉल, खेस को खास फैशन उत्पादों में विकसित किया गया, जैसे कि ऊनी कोट, शॉल, टोपियां, पोंचो, श्रग, पर्स. साथ ही उन्हें इस मेले में अपने नए विकसित उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए जगह दी गई ताकि अंतरराष्ट्रीय खरीद समुदाय के साथ सीधी बातचीत कर वो अपने सीधे बिजनेस संपर्क बना सकें।

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