दरयाव आदर्श वंश शिक्षा समिति ने गरीब बस्ती में रहने वाले बच्चों को वितरित किया पाठ्य सामग्री

दरयाव आदर्श वंश शिक्षा समिति ने गरीब बस्ती में रहने वाले बच्चों को वितरित किया पाठ्य सामग्री

ग्रेटर नोएडा,20 सितम्बर। दरयाव आदर्श वंश शिक्षा समिति के शिक्षा जागरूकता अभियान के तहत अक्षरज्ञान कार्यक्रम की शुरुआत की गई। जिसका प्रारंभ ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित झुग्गियों में रहने वाले और देश के निर्माण में महत्व पूर्ण योगदान देने वाले मेहनतकश मज़दूरों एवं उनके बच्चों के साथ किया गया। समिति ने झुग्गियों में रहने वाले सभी मज़दूरों एवं उनके बच्चों को मॉस्क,बैग,कॉपी-किताब,पेंसिल तथा पढ़ाई का सभी सामान नि:शुल्क वितरित किया। समिति ने भावी भविष्य में सभी मज़दूर परिवारों को शिक्षित करने का संकल्प लिया। समिति के वरिष्ठ सदस्य डॉक्टर सुरेश नागर ने मज़दूरों एवं उनके बच्चों को जागरूक करते हुए बताया कि आज के समाज में शिक्षा का महत्व काफ़ी बढ़ चुका है, शिक्षा के उपयोग तो अनेक है परंतु इससे नई दिशा देने की आवश्यकता है। शिक्षा इस प्रकार की होनी चाहिए कि व्यक्ति अपने परिवेश से परिचत हो सके। शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक बहुत आवश्यक साधन हैं हम अपने जीवन में शिक्षा साधनों का उपयोग करके कुछ भी अच्छा प्राप्त कर सकते हैं, शिक्षा लोगों को सामाजिक और पारिवारिक सम्मान तथा एक अलग पहचान दिलाने में मदद करती है। शिक्षा का समय सभी के लिए सामाजिक और व्यक्तिगत रूप से बहुत महत्वपूर्ण है।
जिस तरह जीवन जीने के लिए सांसों की ज़रूरत है उसी तरह आज के युग में सम्मानित जीवन के लिए शिक्षा की आवश्यकता है। जीवन में सफलता प्राप्त करने और कुछ अलग करने के लिए शिक्षा सभी के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है यह हमें जीवन के कठिन समय में चुनौतियों से सामना करने में सहायता करती शिक्षासभी को अपने जीवनमें बेहतर संभावनाओं को प्राप्त करने के अवसरों के लिए विभिन्न दरवाज़े खोल देती है, जिससे हमारे करियर का विकास होता है। शिक्षा समाज में सभी व्यक्तियों में समानता की भावना लाती है और देश के विकास और वृद्धि को बढ़ावा देती है।
-ज़रूरी नहीं है की रोशनी चिरागों से हो
शिक्षा से भी घर रोशन होते है…..

समिति का प्रमुख उद्देश्य शिक्षा के प्रति लोगों के नज़रिए में सकारात्मकता लाकर शिक्षा की महत्ता को बताना है, क्योंकि शिक्षा में किया गया निवेश आपको भावी भविष्य में कई गुना वापस होकर मिलता है। अंत में समिति के सदस्यों के साथ मिलकर सभी मज़दूर परिवारों एवं उनके बच्चों ने शिक्षा जागरूकता अभियान का हिस्सा बनकर शिक्षित होने की शपथ ली।

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