देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंन्स स्टॉफ होंगें बिपिन रावत

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का ऐलान किया है। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस होंगे। बता दें कि रावत 31 दिसंबर को सेनाध्यक्ष पद से रिटायर हो रहे हैं। रावत की जगह मनोज मुकुंद नरवणे नए आर्मी चीफ होंगे। इससे पहले 24 दिसंबर को गृहमंत्रालय में एक अहम बैठक हुई थी जिसमें NSA अजित डोवल भी मौजूद थे। डोवल ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की ज़िम्मेदारियों पर एक रिपोर्ट तैयार की थी जिसमें कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने मंज़ूर कर लिया। आर्मी चीफ बिपिन रावत CDS की रेस में सबसे आगे थे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, सैन्य मामलों के प्रमुख होंगे और वह चार स्टार जनरल होंगे। सीडीएस का काम तीनों सेनाओं के बीच समवन्य बनाना होगा। सीडीएस सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को रिपोर्ट करेंगे और सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट की कमेटी में वह सैन्य बलों की ओर से सिंगल विंडो से सलाह देंगे।  बता दें, इस साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से सीडीएस का पद सृजित करने का ऐलान किया था। पीएम मोदी ने ऐतिहासिक सैन्य सुधार की घोषणा करते हुए कहा था कि भारत की तीनों सेना के लिए एक प्रमुख होगा, जिसे सीडीएस कहा जाएगा। उनकी घोषणा के बाद सीडीएस की नियुक्ति के तौर-तरीकों और उसकी जिम्मेदारियों को अंतिम रूप देने के लिए अजीत डोभाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की भूमिका और दायित्व

सीडीएस रक्षा मंत्री के लिए प्रधान सैन्य सलाहकार की भूमिका निभाएंगे। तीनों सेनाओं के प्रमुख भी अपनी-अपनी सेनाओं से संबंधित सलाह रक्षा मंत्री को पहले की तरह ही देते रहेंगे। सीडीएस के पास तीनों सैन्य प्रमुखों समेत कोई मिलिट्री कमांड नहीं होगा। सीडीएस तीनों सैनाओं के विभिन्न संगठनों का प्रशासक होगा। सीडीएस संबंधित अथॉरिटीज को तीनों सेनाओं की जानकारियां उपलब्ध कराएगा। वह डिफेंस ऐक्विजीशन काउंसिल और डिफेंस प्लानिंग काउंसिल के सदस्य होगा। पहला सीडीएस अपना कार्यभार संभालने के तीन वर्षों के अंदर तीनों सेनाओं के अंदर ऑपरेशन, लॉजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्ट, ट्रेनिंग, सपॉर्ट सर्विस, कम्यूनिकेशन, रिपेयर्स, मेंटनेंस आदि में साझापन लाएगा। मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर का समुचित उपयोग सुनिश्चित करेगा और इसे रैशनलाइज करेगा। स्वदेशी औजारों की हिस्सेदारी बढ़ाएगा। इंटिग्रेटेड कपैबिलिटी डिवेलपमेंट प्लान को सुनिश्चित करने के क्रम में पंचवर्षीय डिफेंस कैपिटल ऐक्विजिशन प्लान और दो वर्षीय रोल ऑन ऐनुअल ऐक्विजिशन प्लान का लागू करेगा। अनुमानित बजट के मुताबिक सेनाओं के अंदर कैपिटल ऐक्विजीशन के प्रस्तावों की प्राथमिकता तय करना। सक्षम अथॉरिटी के विचार के लिए सैन्य मामलों पर स्ट्रैटिजी पेपर्स तैयार करेगा। सैन्य बलों की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए तीनों सेनाओं के कामकाज में सुधार लाना। सीडीएस औपनेविशक विरासत में मिले कुछ प्रक्रियाओं की पहचान कर उसे दूर करेगा। रैंक और फाइल में विश्वास और भरोसा पैदा करेगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के प्रमुख होंगे। यह विभाग चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) को अपनी भूमिका/कार्यों को पूर्ण करने में सक्षम बनाएगा इस विभाग में हर स्तर पर नौकरशाह और सैन्य अधिकारी, दोनों होंगे। विभाग सैन्य साजो-सामान की खरीद, सैन्य बलों के प्रशिक्षण और नियुक्तियों में तीनों सेनाओं की जरूरतों के मद्देनजर फैसले लेगा। यह ऑपरेशनों में साझापन लाकर संसाधनों के समुचित इस्तेमाल के लिए मिलिट्री कमांड्स की रीस्ट्रक्चरिंग करेगा। इसके लिए जॉइंट/थिएटर कमांड्स स्थापित भी स्थापित किए जाएंगे। विभाग स्वदेशी हथियारों एवं अन्य सैन्य साजो-सामानों का इस्तेमाल को बढ़वा देगा। सीडीएस की एक दूसरी भूमिका भी होगी। वो चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी के स्थाई अध्यक्ष होंगे। इस भूमिका में उन्हें इंटिग्रेटेड डिफेंस स्टाफ से मदद मिलेगी।

 

 

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