ग्रेटर नोएडा,5 दिसम्बर। मंगलमय इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी में नवीन शिक्षण पद्धिति प्रॉब्लम बेस्ड लर्निंग पर सात दिवसीय शिक्षक विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विभाग के डीन और सभी अध्यापकों के साथ साथ नजदीकी विभिन्न संस्थानों के अध्यापकों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन कोलकता स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एण्ड रिसर्च के साथ मिलकर किया जा रहा है। कार्यक्रम की शुरुआत चेयरमैन अतुल मंगल, वाईस चेयरमैन अनुज मंगल व एनआईटीटीटीआर से आये मुख्य अतिथि डॉ. यशपाल सिंह को डायरेक्टर डॉ. तुषार कान्ति व प्रो. हरीश भाटिया ने स्वागत किया। पहले दिन डॉ. यश पाल सिंह ने मुख्य वक्ता के रूप में सभी अध्यापकों का मार्ग दर्शन करते हुए मोटिवेट किया। अपने उदबोधन में उन्होने बताया कि पाठ्यक्रम में समस्या आधारित शिक्षण (पीबीएल-प्रोब्लम बेस्डलर्निंग) परिवर्तन एक महत्वपूर्ण चुनौती है क्योंकि अधिकतर सदस्य प्रक्रिया से अपरिचित हैं। समस्या-आधारित शिक्षा पद्धिति (पीबीएल)एक दृष्टिकोण है जो छात्रों को एक वास्तविक समस्या में जुड़ाव के माध्यम से सीखने की चुनौती देता है। समस्या आधारित शिक्षण छात्र-केंद्रित है जोकि छात्रों में मौलिक बदलाव करता है, शिक्षण पर ध्यान देने से लेकर सीखने, ध्यान केंद्रित करने तथा समस्या सुलझाने की शक्ति का उपयोग करना सिखाता है। इस दौरान सभी अध्यापकों ने प्रश्नोत्तर सत्र में अपने अपने प्रश्नों को जिज्ञासा पूर्वक पूछा जिनका विस्तृत जवाब देकर ज्ञानदर्शन किया। कार्यक्रम में डॉ. यदुवीर सिंह, डॉ. ज़योत्सना पण्डित, धनंजय यादव, सरवचन वर्मा आदि लोग उपस्थित रहे।