फ़र्ज़ी कॉल सेंटर का साइबर सेल व पुलिस ने किया भांडाफोड़, 45 गिरफ्तार
-शॉपिंग साइट के नाम पर करोड़ो रूपये का लोगों को लगा चुके है चूना
ग्रेटर नोएडा,28 नवम्बर। अगर आपके पास सस्ते मोबाइल और अन्य जरूरी सामान खरीदने के लिए फोन आए तो थोड़ा संभल कर और जांच पड़ताल करके ही खरीदें क्योंकि नामी कंपनियों के नाम पर कुछ लोग ठगी का काम कर रहे हैं नोएड़ा के सेक्टर 6 में साइबर सेल और नॉलेज पार्क कोतवाली पुलिस ने ऐसे ही एक कंपनी के 45 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है जिनके पास से भारी संख्या में मोबाइल और अन्य जरूरी सामान बरामद हुए हैं पुलिस ने इन सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है इनमें 23 लड़कियां भी शामिल है, जबकि इनका मालिक अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को गिरफ्तार किया है जो इसलिए कई साल से ऐमेज़ॉन,फ्लिपकार्ट,मित्रा, आदि शॉपिंग साइटों से लोगों को फोन करके इनाम में एलईडी लकी ड्रॉ या बाहरी डिस्काउंट दिलवाने के नाम पर लालच दिया करते थे और रजिस्ट्रेशन के नाम पर फर्जी बैंक खातों व फोन पर गूगल पर यूपीआई के फर्जी खातों मनी ट्रांसफर करा लिया करते थे किसी को भी कोई इनाम यह लोग नहीं दिया करते थे। पुलिस को शिकायत मिली जिसके बाद पुलिस ने साइबर सेल और नॉलेज पार्क पुलिस कोतवाली को इस मामले के खुलासे के लिए लगा दिया पुलिस ने जांच की तो सेक्टर-7 में चल रहे इस कॉल सेंटर पर छापामारी की जिसमें वहां काम कर रहे 45 लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें कुछ 23 महिला और पुरुष शामिल थे पुलिस ने इनके पास से भारी संख्या में सामान भी बरामद किया है। ये लोग हज़ारों लोगों को करोड़ो रुपये का चुना लगा चुके है। वैभव कृष्ण, एसएसपी गौतमबुद्धनगर ने बताया किफिलहाल इस गिरोह के मास्टर माइंड कॉल सेंटर के मालिक की तलाश जारी है। पुलिस ने इस गैंग के पास से 16 मोबाइल 29 पैड मोबाइल और दो कंप्यूटर बरामद किए हैं इसके साथ ही पुलिस ने इनके पास से लोगों की डिटेल भी बरामद कर ली है अब पुलिस इस गैंग के सरगना को पकड़ने की तैयारी में लगी हुई है
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अपराध करने का तरीका
पकड़े गए आरोपी फ्लिप कार्ट, मिंन्त्रा व अन्य आनलाईन शापिंग साइटो के गा्रहको का सम्पूर्ण डाटा जैसे-नाम, ई-मेल आईडी, शिंपिग एडैªस, आर्डरआईडी व प्रोडक्ट का पूरा विवरण फ्लिपकार्ट व अन्य आनलाईन शांपिग साइटों से लेकर ग्राहकों को काल करके ईनाम में एलईडी आदि, लक्की ड्रा व भारी डिस्काउंट का लालच देकर कैश बैक, सिक्योरिटी अमाउण्ट व रजिस्ट्रेशन के नामपर विभिन्न फर्जी बैंक खांतो व फोन पे, गुगल पे आदि यूपीआई के फर्जी खातो मे पैसे ट्रास्फर करवा लिया करते थे।किसी व्यक्ति को कभी भी कोई ईनाम या अन्य लाभ नही दिया गया, ना ही काल-सेन्टर का कोई रजिस्ट्रेंशन है।