नई दिल्ली। केआईआईटी की निदेशक एवं आर्ट ऑफ गिविंग दिल्ली की संयोजिका, कुमकुम शर्मा के नेतृत्व में आर्ट ऑफ गिविंग का वार्षिक उत्सब इस वर्ष ‘नेबरगुड’ थीम के साथ दिल्ली-एनसीआर के लगभग 100 स्थानों पर भव्य रूप से मनाया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज में आपसी सद्भाव, सहयोग, दया और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को प्रोत्साहित करना था। कुमकुम शर्मा ने बताया कि आर्ट ऑफ गिविंग की यह पहल केवल दान या सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे आस-पास के लोगों, पड़ोसियों और समाज के प्रति हमारी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी को भी उजागर करती है। उन्होंने कहा, “नेबरगुड का अर्थ है, अपने पड़ोस को एक बेहतर जगह बनाना, जहां हर व्यक्ति एक-दूसरे की मदद के लिए तत्पर रहे। हम सब मिलकर समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।”
इस विशेष अवसर पर, कुमकुम शर्मा और उनकी टीम ने दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न इलाकों जैसे सीआर पार्क, साकेत, द्वारका, नोएडा, मुड़गांव, रोहिणी, जनकपुरी, लक्ष्मी नगर, वसंत कुंज, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और मथुरा आदि में जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े, स्टेशनरी, दवाइयाँ तथा अन्य आवश्यक सामग्री वितरित की। टीम ने स्लम क्षेत्रों, अनाथालयों, वृद्धाश्रमों और सरकारी स्कूलों में जाकर लोगों से संवाद किया और उनकी आवश्यकताओं को समझते हुए सहायता प्रदान की।
इस आयोजन में समाज के कई गणमान्य व्यक्तियों, स्वयंसेवी संगठनों, स्थानीय निवासियों और युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सभी ने मिलकर ‘नेबर्गुड की भावना को जीवंत किया और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के दौरान बच्चों के लिए विशेष खेल, चित्रकला प्रतियोगिता, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और जागरूकता सत्र भी आयोजित किए गए, जिससे बच्चों और युवाओं में भी सेवा और सहयोग की भावना विकसित हो सके।
कुमकुम शर्मा ने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल एक दिन के आयोजन तक सीमित नहीं है, बल्कि हम चाहते हैं कि समाज में हर दिन आर्ट ऑफ गिविंग की भावना बनी रहे। जब हम अपने आस-पास के लोगों की मदद करते हैं, तो समाज स्वतः ही मजबूत और खुशहाल बनता है।”इस पहल के तहत, आर्ट ऑफ गिविंग टीम ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस के साथ भी समन्वय स्थापित किया, ताकि जरूरतमंद लोगों तक सहायता सुरक्षित और प्रभावी ढंग से पहुंच सके। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने ‘नेबर्गुड’ की शपथ ली कि वे अपने आस-पास के लोगों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहेंगे और समाज में भाईचारे और सद्भावना को बढ़ावा देंगे।
आर्ट ऑफ गिविंग की यह पहल डॉ. अच्युत सामंत, प्रतिष्ठाता के आईआईटी, केआईएमएस एवं आर्ट ऑफ लिविंग के विचारों को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने और एक दूसरे की मदद करने का संदेश निहित है।