ग्रेटर नोएडा। एक्यूरेट कॉलेज ऑफ फार्मेसी, ग्रेटर नोएडा द्वारा “फार्मेसी के भविष्य को आकार देना: डिजिटल परिवर्तन और नवाचारों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा को सशक्त बनाना” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया। यह सम्मेलन ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यमों से संपन्न हुआ, जिसमें देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों से शिक्षकों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से हुई। कॉलेज की चेयरपर्सन पूनम शर्मा ने सम्मेलन की अध्यक्षता की, वहीं डॉ. मोजाहिदुल इस्लाम, निदेशक, एक्यूरेट कॉलेज ऑफ फार्मेसी ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित वक्ताओं ने फार्मेसी और हेल्थकेयर के बदलते स्वरूप पर अपने विचार रखे। डॉ. जावेद अली, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने लिपोसोम्स के औषधीय उपयोग और उनकी आधुनिक चिकित्सा में भूमिका पर प्रकाश डाला। डॉ. एस.के. अब्दुल रहमान, डीन एवं प्रोफेसर, गलगोटियास विश्वविद्यालय ने आई.पी.आर. (बौद्धिक संपदा अधिकार) के महत्व और फाइलिंग प्रक्रिया पर विस्तृत जानकारी दी।

डॉ. मनोज शर्मा, क्यूपीपीवी एवं प्रमुख, ग्लोबल पेशेंट सेफ्टी सिस्टम एंड फार्माकोविजिलेंस, विन मेडिकेयर प्रा. लि., नई दिल्ली ने फार्माकोविजिलेंस के महत्व तथा एडीआर के प्रबंधन पर अपने विचार साझा किए। डॉ. तनवीर नवेद, डिप्टी डीन, फैकल्टी ऑफ हेल्थ एंड एलाइड साइंसेस, एमिटी यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा ने पोस्ट कोविड-19 युग में औषधीय पौधों के महत्व पर प्रकाश डाला। सम्मेलन में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से 70 से अधिक ऑफलाइन एवं 50 से अधिक ऑनलाइन पोस्टर प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिनमें प्रतिभागियों ने अपने शोध कार्य और नवाचार प्रस्तुत किए। इसके साथ ही, कॉलेज द्वारा विश्व फार्मासिस्ट दिवस 2025 एवं फार्माकोविजिलेंस वीक 2025 के दौरान आयोजित विभिन्न सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक प्रतियोगिताओं में विजेता रहे छात्रों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के समापन पर सभी अतिथियों, वक्ताओं और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया गया। यह सम्मेलन फार्मेसी क्षेत्र में डिजिटल नवाचार, अनुसंधान और शिक्षा को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक प्रेरणादायी पहल साबित हुआ।






