जी.एल. बजाज में MEDHA 2025 – 36 घंटे का मेडिकल डिवाइस हैकथॉन आयोजित

MEDHA 2025 – 36-Hour Medical Device Hackathon Held at G.L. Bajaj

ग्रेटर नोएडा। मेडिकल डिवाइस हैकथॉन का आयोजन 7–8 अक्टूबर को जी.एल. बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, ग्रेटर नोएडा में किया गया। यह कार्यक्रम IIT बॉम्बे के BETiC (Biomedical Engineering and Technology Incubation Centre) के सहयोग से आयोजित हुआ। 36 घंटे तक चले इस नवाचार मैराथन में 150 से अधिक प्रतिभागियों ने मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, फिजियोथेरेपी, मेडिसिन, साइंस और फार्मेसी जैसे विभिन्न क्षेत्रों से भाग लिया। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियों को तकनीकी नवाचारों के माध्यम से सुलझाना था। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि  एस. पी. मिश्रा ने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे अपनी तकनीकी दक्षता को मानवीय संवेदना के साथ जोड़ें। समापन समारोह के मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर राकेश गुप्ता, निदेशक, गवर्नमेंट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (GIMS) ने प्रतिभागियों के उत्साह और नवाचार की भावना की सराहना की। डॉक्टरों ने वास्तविक क्लिनिकल समस्याएँ प्रस्तुत कीं, जबकि तकनीकी मेंटर्स ने प्रतिभागियों को अभिनव मेडिकल डिवाइस समाधान विकसित करने में सहयोग दिया। शारदा हॉस्पिटल, कैलाश हॉस्पिटल और अन्य सरकारी व निजी संस्थानों के विशेषज्ञों ने निर्णायक मंडल में भाग लिया। चयनित टीमें अब IIT बॉम्बे में अगले चरण में भाग लेंगी, जिससे जी.एल. बजाज के नवाचारों को राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा। संस्थान के उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल ने कहा कि “जी.एल. बजाज में हमारा उद्देश्य ऐसा नवाचार विकसित करना है जो मानवता की सेवा करे। MEDHA 2025 हमारे इस विजन का प्रतीक है कि युवा इंजीनियर और डॉक्टर मिलकर स्वास्थ्य सेवा को नई दिशा दे सकते हैं।”

प्रो. (डॉ.) प्रीति बजाज, निदेशक, जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट,ने कहा – “MEDHA जैसे कार्यक्रम यह सिद्ध करते हैं कि तकनीक और चिकित्सा का संगम ही भविष्य के स्वास्थ्य क्षेत्र की परिभाषा तय करेगा। मुझे अपने विद्यार्थियों और पूरी टीम पर गर्व है।” यह आयोजन जी.एल. बजाज के इनोवेशन-ड्रिवन एजुकेशन मॉडल का उत्कृष्ट उदाहरण है, जो विद्यार्थियों को केवल सीखने के लिए नहीं बल्कि सृजन करने के लिए प्रेरित करता है।

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