बिना सर्जरी के फिजियोथेरेपी व एक्यूपंक्चर  से ब्रेकीअल प्लेक्साइटिस में मिली से अभूतपूर्व सफलता-डॉ. राजेश राणा

Unprecedented success in brachial plexitis through physiotherapy and acupuncture without surgery - Dr. Rajesh Rana

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के जाने-माने फिजियोथेरेपिस्ट एवं एक्यूपंक्चर विशेषज्ञ डॉ. राजेश राणा एवं उनकी टीम ने एक अत्यंत जटिल रोग ब्रेकीअल प्लेक्साइटिस के केस में बिना सर्जरी के अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है। गाज़ियाबाद निवासी केशव, जो एक विद्यार्थी हैं, अपने दाएं हाथ की गंभीर समस्या के कारण डॉ. राणा के क्लिनिक पी-थ्री पर पहुँचे। केशव ने बताया कि उन्हें ब्रेकीअल प्लेक्साइटिस, सुप्रास्पिनेटस टेंडनाइटिस और गर्दन में भी दर्द की शिकायत थी। ब्रेकियल प्लेक्साइटिस की वजह से उनका दायां हाथ काम करना बंद कर चुका था। वे पेन तक पकड़ने में असमर्थ थे, उंगलियों में लगातार सुन्नपन रहता था और तीव्र दर्द के कारण वे अत्यंत परेशान थे। उन्होंने कई डॉक्टरों से परामर्श लिया। सभी ने यही सलाह दी कि इस जटिल स्थिति में ऑपरेशन ही एकमात्र समाधान है और यह ऑपरेशन भी कुछ ही गिने-चुने डॉक्टर करते हैं। यहां तक कि उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल भेजा गया, जहाँ पर भी यही बताया गया कि सर्जरी अत्यंत कठिन है और रिकवरी की कोई गारंटी नहीं है। निराश होकर जब केशव के परिवारजन उन्हें डॉ. राजेश राणा के पास लाए, तो डॉ. राणा ने मामले को गंभीरता से परखा और कहा कि यह केस वास्तव में चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हम पूरी कोशिश करेंगे। 15 दिनों के भीतर यह स्पष्ट हो जाएगा कि इलाज से लाभ मिलेगा या नहीं।
जटिल मामलों में मिला चमत्कारिक परिणाम
डॉ. राणा ने बताया कि उन्हें अपनी फिजियोथेरेपी और एक्यूपंक्चर के संयोजन पर पूरा विश्वास था, क्योंकि इससे पहले भी उन्होंने कई जटिल मामलों में सफलता प्राप्त कर चमत्कारिक परिणाम दिए हैं। केशव ने बताया कि डॉ. राणा ने मुझे दिन में दो बार बुलाया। बिना किसी दवाई के केवल फिजियोथेरेपी और एक्यूपंक्चर से मेरा दर्द 2 दिन में पूरी तरह खत्म हो गया। पहले मैं स्टेरॉयड लेता था पर आराम बिल्कुल भी नहीं था, परंतु डॉक्टर राणा द्वारा इलाज प्रारंभ होते ही अब स्टेरॉयड की आवश्यकता नहीं रही। सिर्फ 15 दिनों में सुन्नपन दूर हो गया और एक महीने में मेरे हाथ की लगभग 80 प्रतिशत ताकत लौट आई। अब मैं पहले की तरह अपने दाएं हाथ से सभी कार्य कर पा रहा हूँ। डॉ. राजेश राणा ने कहा कि “यह केस हमारे लिए एक बड़ी चुनौती था। मरीज का और उसके परिवार का विश्वास बनाए रखना सबसे कठिन कार्य था, क्योंकि वे लगभग उम्मीद छोड़ चुके थे। यह सब ठाकुर जी की असीम कृपा, मेरी टीम की मेहनत और चिकित्सा विज्ञान के प्रति समर्पण का परिणाम है। आज केशव का हाथ पूरी तरह से ठीक हो चुका है। यह सफलता एक बार फिर यह सिद्ध करती है कि फिजियोथेरेपी और एक्यूपंक्चर का संयोजन बिना सर्जरी के भी जटिल रोगों में अद्भुत परिणाम दे सकता है।

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