ग्रेटर नोएडा,12 फरवरी। एपीजे इंटरनेशनल स्कूल, ग्रेटर नोएडा में एडवेंचर कैम्प का आयोजन किया गया। यह कैम्प कक्षा नर्सरी से लेकर कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए था। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य अचानक आई विपत्ति का सामना किस प्रकार किया जाए ताकि वे अपने आप को सुरक्षित कर सकें। इस शिविर का मुख्य उदेश्य अचानक आई विपत्ति का सामना किस प्रकार किया जाए ताकि वे अपने आप को सुरक्षित कर सकें। इस शिविर में छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु अनेकानेक गतिविधियां कराई गईं। बच्चों को रेपलिंग , रस्सी के द्वारा ऊपर चढ़ना , जॉब बॉल, टर्निंग स्विंग, मैजिक शो, कमांडो नेट एवं डबल रोप इत्यादि मनोरंजक और साहसिक खेल कराए गए। इसी श्रंखला में विभिन्न समूह जैसे पैंथर, टार्जन, जीनियस इत्यादि के छात्रों ने एडवेंचर कैम्प का बहुत आनंद उठाया। इस कार्यक्रम की संचालिका जसजीत कौर के अनुसार कैम्प में लगभग 160 विद्यार्थियों ने कैम्प का लुफ्त उठाया। उन्होंने बताया कि बच्चों में तमाम प्रतिभाएं छिपी होती हैं। मगर सही परख और मौका न मिलने से प्रतिभा सामने नहीं आ पाती। इस तरह के कार्यक्रमों से बच्चों में नया उत्साह आता है। बच्चों को नई-नई चीजों की जानने की उत्सुकता होती है।
रैपलिंग के दौरान जहाँ एक ओर कक्षा छह की एक छात्र ने पक्षियों की उड़ान का अनुभव हुआ वहीं दूसरी ओर कक्षा पांच की जिया सूद, वंशिका, तेजवीर,अथर्व त्रिपाठी तथा एंजल ने कहा कि डबल रोप ब्रिज में तो ऐसा लग रहा था कि हम आर्मी में आकर नदी पार करके आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए दुश्मन पर विजय प्राप्त करने के लिए जा रहे हैं। आज का दिन हमारे लिए बहुत ही अच्छा था और हम इस दिन को कभी नहीं भूलेंगे।
कक्षा आठ के विद्यार्थियों ने बताया कि जब वह जॉब बॉल में गए तो उसमें जाकर ऐसा लगा कि दुनिया ही उलट पुलट हो गई। इधर-उधर गिरने में बड़ा ही आनंद आया और टारजन स्वींग में तो हम स्वयं टारजन बन गए। आज का एडवैंचर कैम्प एपीजे परिवार के लिए अत्यंत मनोरंजक, रोमांचक एवं अविस्मरणीय रहा। छात्रों ने कैंप की हर गतिविधि में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपने साहस का प्रदर्शन किया। यह समस्त कार्यक्रम विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. सरिता पांडे के कुशल मार्ग दर्शन एवं प्रबल समर्तन में संचालित किया गया। प्रधानाचार्या ने दिन के कार्यक्रम का समापन करते हुए अपने आशीर्वचनों में कहा कि छात्रों का चहुमुखी विकास ही एपीजे परवार का मुख्य उद्देश्य है तथा अपने इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए वे सदैव प्रयत्नशील रहेंगी तथा भविष्य में और अधिक उत्साह एवं कर्तव्य निष्ठा के साथ कार्यशील रहेंगी। उन्होंने अंत में यह भी कहा कि बच्चों के लिए पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी जरूरी है। ऐसे आयोजनों से बच्चों का उत्साह बढ़ता है और कुछ नया समझने और सीखने का मौका मिलता है।