राष्ट्रचिन्तना बैठक में प्रबुद्ध नागरिकों ने लिया हिस्सा,बैठक में देश के प्रति कर्तव्य भावना तथा राष्ट्र प्रथम बोध पर हुई चर्चा

Enlightened citizens took part in the national consciousness meeting, the feeling of duty towards the country and nation first was discussed in the meeting.

ग्रेटर नोएडा,30 अप्रैल। राष्ट्रचिंतना- प्रबुद्ध नागरिकों का चिन्तन मंच की मासिक गोष्ठी रविवार को भारतीयम स्कूल, डेल्टा-1 में आहूत की गई। प्रो. विवेक कुमार ने मंच के उद्देश्य को रेखांकित करते हुए बताया कि राष्ट्र चिंतना समसामयिक विषयों पर चिंतन-मनन हेतु राष्ट्रवादी विचारों के प्रबुद्ध नागरिकों का एक मंच है। इसके द्वारा प्रत्येक माह के तीसरे रविवार को सम सामयिक विषयों पर विभिन्न क्षेत्रों में गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा, जिससे समाज के अंदर देश के प्रति अपनी कर्तव्य भावना तथा राष्ट्र प्रथम का बोध हो। आज की गोष्ठी का विषय ‘प्राचीन भारतीय विज्ञान-भारत की महान ऐतिहासिक, सांस्कृतिक तथा वैज्ञानिक धरोहर  के बारे में बताते हुए वक्ता डॉ. बलवंत सिंह राजपूत, पूर्व कुलपति, कुमाऊँ एवं गढ़वाल विश्वविद्यालय ने बताया कि हमें भारत के गौरव पूर्ण इतिहास को जानना चाहिए।

वामपंथी इतिहासकारों ने मुग़ल इतिहासकारों की किताबों से उद्धरण लेते हुए इतिहास लिखा, जिसमें इतिहास की सच्ची घटनाओं को छुपाया गया। अकबर कभी भी महाराणा प्रताप का सामना करने की हिम्मत नहीं कर पाया। बप्पा रावल ने मुहम्मद कासिम को हराया तथा ईरान तक दौड़ाया और ईरान पर डेढ़ वर्ष तक शासन किया। यह घटना भुला दी गयी। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डॉ. आर.के. खंडाल,  पूर्व कुलपति, यूपीटीयू ने बताया कि बच्चों को तान्हा जी की जीवनी के बारे में पढ़ाया जाना चाहिए।

गोष्ठी में आईआईएमटी के निदेशक डॉ. उमेश कुमार, सुनील द्विवेदी, प्रज्ञा एकेडमी से एस.डी. शर्मा, गलगोटिया विश्वविद्यालय के डॉ. बी.एन. अग्रवाल, संजीव गुप्ता, अजब सिंह, प्रो विवेक कुमार, धर्मेंद्र कुमार शर्मा , रविन्द्र पल सिंह, विवेक द्विवेदी आदि प्रबुद्ध लोग उपस्थित थे।

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