विश्व धर्म सम्मेलन भारत में आयोजित करने का प्रस्ताव हुआ पारित, भारतीय सर्व धर्म संसद के 15वेँ वार्षिक सद्भावना सम्मेलन में रखा गया प्रस्ताव

Resolution passed to hold World Religion Conference in India

ग्रेटर नोएडा,25 अप्रैल। भारतीय सर्व धर्म संसद का 15वां वार्षिक सद्भावना सम्मेलन का आयोजन ग्रेटर नोएडा के फादर एग्नल स्कूल में सेंट जोसेफ स्कूल की तरफ से आयोजित हुआ, जिसमें दोनों स्कूल के प्रधानाचार्य व शिक्षक व विद्यार्थियों का सहयोग रहा। धर्म संसद में हिन्दू, मुस्लिम, बौद्ध, सिख, जैन, इसाई के साथ सभी धर्मों के धर्म गुरु शामिल हुए, जिसमें स्वामी सुशील महाराज, परमजीत सिंह चंडोक, वीर सिंह हितकारी महाराज, सद्गुरु रमेश आनंद  महाराज, डॉ. बनी सरीन, स्वामी संपूर्णानंद, रामप्रवेश पुरी, मिस्टर सलमान चिश्ती ब्रह्मर्षि मोहन, आगरा डायसिस के आर्क विशप डॉ. राफी मंजिली, योग भूषण  एवं फादर अल्बर्ट डिसूजा उपस्थित रहे।

इस अवसर पर आगामी दिसम्बर व जनवरी 2024 में भारत में विश्व धर्म संसद के आयोजन को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पारित हुआ, जिसका सभी धर्मावलंबियों ने स्वागत किया। इस अवसर पर कहा गया कि वैश्विक स्तर के कार्यक्रम को लेकर सरकार का सहयोग जरुरी है। आयोजन को लेकर देश के विभिन्न राज्यों के साथ विदेश में कार्यक्रम आयोजित होंगे। इस कार्यक्रम में गोवा, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और भारत के कोने कोने से लोग आए और विशेष तौर पर ऑस्ट्रेलिया से ब्रह्म ऋषि मोहन जी शामिल हुए। इस आयोजन को शांतिपूर्वक सफल बनाने में प्रशासन का भी भरपूर सहयोग रहा, जिसमें बीटा-2 स्थित पुलिस थाने से 10 से अधिक पुलिसकर्मी पूरे समय उपस्थित रहे जिसमें महिला पुलिस कर्मी भी सम्मिलित थी। कार्यक्रम की शुरुआत सेंट जोसेफ स्कूल के विद्यार्थियों के स्वागत नृत्य गीत के साथ तथा दीप प्रज्वलन के साथ हुई।

सभी धर्मों के धर्मावलंबियों ने एक साथ दीप प्रज्वलित कर अखंड भारत का परिचय देते हुए अनेकता में एकता का मंत्र लोगों में प्रसारित किया। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थी समूह ने अलग-अलग सभी धर्मों के गीत पेश किए। इस कार्यक्रम में सभी धर्म गुरुओं ने अपने-अपने विचारों को अपने शब्दों की अमृत वर्षा के साथ प्रस्तुत किया, जिसमें सभी ने एक ही संदेश दिया कि हमें अपने महान भारत को विश्व गुरु के रूप में स्थापित करना है तो आपस में प्रेम भाव व सद्भाव को आगे बढ़ाना होगा और हिंसा से हटकर अहिंसा के पथ पर अग्रसर होना होगा। उन्होंने स्वामी विवेकानंद तथा स्वामी दयानंद सरस्वती महाराज व उनके विचारों को विशेष रूप से याद करते हुए नमन किया और भारत देश की छवि को विश्व स्तर पर उजागर करने में इनका विशेष योगदान बताया।

सभी धर्मावलंबियों ने एक विशेष संदेश दिया कि हमें एक ऐसा समाज तैयार करना है जिसमें आपसी प्रेम व सद्भाव कूट कूट कर भरा हो। सम्मेलन में आगरा डायसिस के फादर विशप  मजली ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की महान संस्कृति की समृद्धता विभिन्न धर्म गुरुओं के द्वारा किए गए प्रयासों का ही परिणाम है और उन्हें ही इस संस्कृति के संरक्षण का संपूर्ण श्रेय जाता है।

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद शब्द योग भूषण ने उन्होंने विशेष रूप से स्वामी सुशील महाराज के प्रयासों की सराहना की तथा महाराज अभिवेश और दलाई लामा को इस सद्भावना सम्मेलन के बीज रोपित करने का श्रेय प्रदान किया। सुशील महाराज ने अपने आश्रम को विश्व धर्म संसद कार्यालय बनाने की स्वीकृति दी। कार्यक्रम के दूसरे भाग में सर्व धर्म संसद के सभी सदस्य ने प्रेस वार्ता कर प्रस्ताव पर सहमति दी,यह कार्यक्रम सेंट जोसेफ स्कूल के सम्मेलन भवन में आयोजित हुआ।

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